नई दिल्ली (प्रियंवदा गोप): भारतीय नागरिकों के तर्ज पर अब जल्द ही भारत में भेड़ और बकरियों के भी आधार कार्ड (Aadhar Card) बनेंगे। जिसकी मदद से अब हर उन्हें यूनिक नंबर का आवंटन किया जाएगा। 10 अंकों के आधार नंबर वाला छल्ला भेड़ और बकरियों के कानों में पहनाया जाएगा। नेशनल एनिमल डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम (NADCP) के तहत देशभर के पशुपालन विभाग इसी महीने से भेड़-बकरियों की ईयर टैगिंग (Ear Tagging) का काम शुरू कर देंगे। इस कार्यक्रम के तहत पहले गाय और भैंसों को जोड़ा गया था। जिसका विस्तार करते हुए, अब इसमें बकरी और भेड़ों को भी शामिल किया जा रहा है।
इससे पशुपालकों को बड़ी राहत मिलेगी। साथ ही उनके भेड़-बकरियों का सारा रिकॉर्ड एनएडीसीपी पोर्टल में दर्ज हो जाएगा। जिसमें पशु की उम्र, नस्ल, पशुपालक का पता और नाम की जानकारी दर्ज की जाएगी जिससे दुधारू पशुओं को इस योजना के तहत इंशोयेरेंस की सुविधा भी मिल सकेगी। इस कार्यक्रम के तहत वर्षा ऋतु से पहले पशुओं को खुरपका और मुंहपका बीमारियों से जुड़े टीके लगाए जाएंगे। पशुओं के कान में डाले जाने वाले छल्ले की सप्लाई का जिम्मा नोएड़ा की एक कंपनी को सौंपा गया है।
देशभर के प्रत्येक जिलों में इस काम की देखरेख ब्लॉक स्तर के राजकीय पशु अस्पताल करेंगे। जहां पहले हर गांव की भेड़-बकरी का रजिस्टर बनाया जायेगा। इसके बाद ईयर टैगिंग और टीकाकरण की कवायद को पूरा किया जायेगा। बीते सितंबर महीने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मथुरा में इस देशव्यापी कार्यक्रम का लोकार्पण किया था। इस योजना का सीधा फायदा पशुपालकों और मवेशियों को होगा। पशुपालक मवेशियों की असमय होने वाली मौत की क्षतिपूर्ति के लिए बीमा राशि क्लेम (Sum Assured Claim) कर सकेंगे। साथ ही मवेशी भी गंभीर रोगों से बचने के लिए आसानी से टीका हासिल कर पाएंगे।