उत्तर प्रदेश (लखनऊ): किसान आन्दोलन (Farmers Protest) का बहिष्कार करते हुए राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन (Rashtriya Andata Union) ने केन्द्र सरकार द्वारा लागू तीनों कृषि सुधार कानूनों (Farm Bills) का समर्थन करते हुए कृषि बिलों को यथावत रखने की मांग की है। राजधानी लखनऊ के होटल चरण में आयोजित प्रेसवार्ता में राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन के नेताओं ने एक स्वर में कृषि कानूनों को लेकर भ्रामक विवाद की कड़े शब्दो में निंदा की एवं केन्द्र सरकार से तथाकथित किसान संगठनों एवं उनके नेताओं पर प्रतिबन्ध लगाने की मांग की। और पढ़ें – Railway Recruitment 2021: सेंट्रल रेलवे ने निकाली 2500 से ज्यादा भर्तीयां
प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राम निवास यादव ने कहा कि, अराजकतावादी तथाकथित किसान संगठन और उनके नेता किसानों के नाम पर कृषि बिलों के खिलाफ लगातार दुष्प्रचार कर देश में अराजकता फैलाने का काम कर रहे है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर जबरन कब्जा, 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रध्वज तिरंगे का अपमान, सुरक्षाबलों पर हिंसक हमले, चक्का जाम कर ये हिंसक अराजकतावादी किन किसानों का भला करना चाहते है समझ से परे है। किसान के नाम पर राजनीति चमकाने वालों के खिलाफ देश का अन्नदाता उठ खड़ा हुआ है। कृषि सुधार कानूनों (बिलों) से मिलने वाले फायदों को लेकर देश का अन्नदाता उत्साहित है।
उन्होंने आगे कहा कि, अन्नदाता इन तीनों कृषि सुधार कानूनों को अपनी वास्तविक आजादी का प्रतीक मान रहा है। आजादी के 70 वर्षों में पहली बार यदि केन्द्र की किसी सरकार ने खेत, खिलहान, किसान को केन्द्र बिन्दु मानकर योजनाएं बनाई है तो, केवल मोदी सरकार ने बनाई है। दुर्भाग्य से देश के कुछ विपक्षी राजनेता और दल इस तथाकथित किसान आंदोलन के बहाने खोई राजनैतिक जमीन को तलाशने में लगे हुए है और साथ ही अराजकतावादियों का मनोबल बढाने का भी काम कर रहे है। इस तथाकथित किसान आंदोलन की आड़ में भारत के खिलाफ देश के दुश्मन षडयंत्र रच रहे है। जो भारी चिंता का विषय है।
यादव ने कहा कि सच्चा किसान कभी इस प्रकार के राष्ट्रद्रोह को स्वीकार नही कर सकता। राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन इन नकली किसान संगठनों एवं इनके नेताओं के खिलाफ लगातार रचनात्मक आंदोलन जारी रखेगी। और पढ़ें – Railway Recruitment 2021: सेंट्रल रेलवे ने निकाली 2500 से ज्यादा भर्तीयां
प्रेसवार्ता में राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन ने राष्ट्रव्यापी पोस्टर अभियान का प्रारम्भ करने हेतु पोस्टर जारी किया गया। पोस्टर में केन्द्र सरकार से 5 बिन्दुओं को लेकर मांग की गयी है कि
- संसद द्वारा पारित तीनों कृषि सुधार कानूनों (बिलों) को यथावत रखा जाए।
- गणतंत्र दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर पर लगे राष्ट्रध्वज तिरंगे को अपमानित करने वालों की सम्पत्ति जब्त की जाए एवं सरकारी सम्पत्ति नष्ट करने से हुए नुकसान की भरपायी कथित अराजकतावादियों से की जाए। साथ ही कथित उपद्रवी आंदोलकारियों से ही घायल सुरक्षाबलों और पुलिकर्मियों का चिकित्सा खर्च वसूल किया जाए।
- अराजकतावादी तथाकथित किसान संगठनों पर प्रतिबंध लगा कर उनके नेताओं को जेल को भेजा जाए।
- संसद द्वारा पारित कृषि सुधार कानूनों से कृषि और किसान को होने वाले क्रांतिकारी लाभों से परिचित कराने के लिए देशभर से प्रख्यात कृषि विशेषज्ञों को लेकर उनकी उच्च स्तरीय कमेटी बनाकर रिपोर्ट जारी करवायी जाए।
- राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर जबरन कब्जा जमाये बैठे तथाकथित किसान संगठनों एवं नेताओं से बॉर्डर खाली करवाकर आवागमन सुचारू किया जाए।
7 फरवरी को राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन के नेता रोहित जायसवाल एवं आचार्य पुष्पेन्द्र जी के नेतृत्व में प्रयागराज के माघ मेला में मछली बन्दर मठ में संतों का आशिर्वाद लेकर, राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन एवं अखिल भारतीय संयुक्त धर्माचार्य मंच के तत्वाधान में, कृषि बिल के समर्थन में जुलूस निकाल कर धन्यवाद प्रस्ताव प्रधानमंत्री जी को भेजा जायेगा। और पढ़ें – Railway Recruitment 2021: सेंट्रल रेलवे ने निकाली 2500 से ज्यादा भर्तीयां
प्रेसवार्ता में महामंत्री अवधेश प्रताप सिंह, वीरेन्द्र कुमार रावत, उपाध्यक्ष राज कुमार लोधी, बलिराम वर्मा, मोहम्मद खलील अहमद, अनिल जायसवाल, डा0 अनूप सिंह, मूलचन्द्र यादव, लवकुश यादव, गाज़ीपुर से अजीत सिंह यादव, बाराबंकी से यशवंत यादव, सीतापुर से राम नरेश वर्मा और हरदोई से आलोक बाजपेयी हरदोई एवं विमल यादव ने इस प्रेस वार्ता कार्यक्रम में हिस्सा लिया।