नई दिल्ली: यूपीए शासन काल के दौरान भाजपा (BJP) और एनडीए (NDA) सहयोगी पूर्व प्रधानमंत्री (Prime Minister) पर तरह-तरह के आरोप लगाकर उनका मखौल उड़ाते थे। कोई उन्हें शिखंडी प्रधानमंत्री कहता था, तो कोई उन्हें रेनकोट पहनकर नहाने वाला कहता था। कुल मिलाकर देश के सामने उनकी छवि कटपुतली वाले प्रधानमंत्री के तौर पर पेश की गयी। जिससे लोगों के बीच उनकी छवि पर्दे के पीछे किसी ओर से आदेश लेने वाले प्रधानमंत्री की बन गयी। कुछ इसी तरह के हालत अब भाजपा में भी बनते दिख रहे है। फिलहाल गृहमंत्री (Home Minister) का कार्यभार संभालते ही अमित शाह (Amit Shah) ने भाजपा अध्यक्ष पद के कमान जेपी नड्डा (JP Nadda) को दे दी। इस हिसाब जेपी नड्डा का पार्टी की सारी गतिविधियों पर पूर्ण नियन्त्रण होना चाहिए। और पार्टी में होने वाली सभी कवायदें उनके संज्ञान में होने की उम्मीद की जा सकती है।
लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय प्रवक्ता आई.पी. सिंह (IP Singh) ट्विटर पर लिखते है कि- लगता है भारतीय जनता पार्टी में सुपर अध्यक्ष का दौर आ गया है। जेपी नड्डा जी को मीडिया से पता लगा कि अमित शाह ने बाबू लाल मरांडी के लिए पार्टी के दरवाज़े खोल दिये है। नड्डा जी का आखिर ऐसा अपमान क्यों हो रहा है, वो तो भाजपा में सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुने गये थे। अब ऐसे में सवाल उठने लाज़िमी है कि पंडित जेपी नड्डा अध्यक्ष हैं या रबर स्टाम्प ? नड्डा जी को गुड्डा जैसा बना दिया है।