एजेंसियां/न्यूज डेस्क (गौरांग यदुवंशी): किसान आंदोलन में ग्रेटा थेनाबर्ग का ट्विट और आंदोलन की टूल किट (Tool Kit) लीक होने के बाद विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद इस मामले में कई बड़े खुलासे हुए। हाल ही इस मामले के रिसोर्स पर्सन का खुलासा हुआ है। जिसके लिए पीटर फ्राइडरिक का नाम सामने आ रहा है। ऑनलाइन पड़ताल करने वाली डिस्इंफोलैब ने इंफो-वार अगेंस्ट इंडिया की रिपोर्ट का हवाला दिया। जिसमें बताया गया है कि पीटर फ्राइडरिक के तालुक्कात खालिस्तानी आंतकियों से है।
इस रिपोर्ट में कई और जानकारियां दे रखी है। कई शैल कंपनियां, फेक फॉरेन एक्सपर्ट्स और फर्ज़ी संस्थायें शामिल है। रिपोर्ट में 1980 के दशक का जिक्र करते हुए भजन सिंह भिंडर उर्फ इकबाल चौधरी नामक खालिस्तानी आंतकी का जिक्र किया गया है। जो कि मूलरूप से मलेशियाई नागरिक (Malaysian Citizen) था। अमेरिका में काम करते हुए वो लगातार आईएसआई के सम्पर्क में रहते हुए खालिस्तानियों की सक्रियता का मंच तैयार कर रहा था। आंतकी नेटवर्क तैयार करना, फड़िंग और स्लीपर सेल की पीछे काफी सक्रियता से काम कर रहा था।
साथ ही के-2 कश्मीर खालिस्तान प्लान तैयार किया जा रहा था। जिसे उस दौरान के जमात ए इस्लामी के सेक्रेटरी आमिर उल अजीम और मौजूदा पाकिस्तान मंत्री फवाद चौधरी के चाचा चौधरी अल्ताफ हुसैन की सरपरस्ती हासिल थी। सिलसिला अमेरिकी फ्रीमोंट गुरुद्वारे से शुरू हुआ। जहां करोड़ो डॉलर का चढ़ावा चढ़ाता था। जिसकी बड़ी रकम पाकिस्तान में खालिस्तानी मूवमेंट को बढ़ाने के लिए की जाती थी। इस दौरान भिंडर उर्फ इकबाल चौधरी की मुलाकात पीटर फ्राइडरिक (Peter Friedrich) जिसे खालिस्तान आंदोलन से जुड़ने की बात कही गयी।
यहीं से शुरूआत हुई इंफो-वार छेड़ने की। पीटर फ्राइडरिक ने किसान आंदोलन की आड़ में ऑनलाइन मुहिम की रूपरेखा तैयार की। भिंडर लगातार उसे उकसाता रहा। माना जा रहा है कि ग्रेटा थेनाबर्ग, रिहाना और कई हस्तियों को इसमें शामिल करने का विचार इसी का था। पीटर फ्राइडरिक बोलने और लिखने में काफी माहिर है। साथ ही भारी फड़िंग से आंदोलन को काफी सक्रिय किया।