एजेंसियां/न्यूज डेस्क (विश्वरूप प्रियदर्शी): इस्लामाबाद, कराची, लाहौर और रावलपिंडी सहित पाकिस्तान (Pakistan) के कई प्रमुख इलाकों में फ्रांस और राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के खिलाफ भारी आक्रोश आम जनता के बीच देखा जा रहा है। मामला फ्रांसीसी अखबार ली फिगारो में छपे मोहम्मद साहब के विवादास्पद कार्टून से जुड़ा हुआ है। जो कि करीब 4 महीने पहले प्रकाशित किया गया था। पाकिस्तानी चरमपंथी समूह तहरीक-ए-लबैर (TLP) की अगुवाई में फ्रांस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।
कट्टरपंथी समूह पाकिस्तानी सरकार पर फ्रांस से राजनयिक संबंध खत्म करने और फ्रांसीसी राजदूत (French ambassador) को पाकिस्तान से बाहर निकालने के लिए दबाव बना रहा है। साथ ही आम पाकिस्तानी नागरिकों से फ्रांसीसी सामान का बायकाट करने की अपील भी की जा रही है। विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर पाकिस्तान में फ्रांस दूतावास की सुरक्षा को काफी बढ़ा दिया गया है। इस मामले पर इमरान सरकार ने टीएलपी को आश्वासन देते हुए, उनकी मांगों को 20 अप्रैल से पहले संसद में रखने की बात कही।
टीएलपी में प्रधानमंत्री कार्यालय को चेताते हुए कहा कि, अगर फ्रांस पर वाज़िब राजनयिक कार्रवाई नहीं की गयी तो इस्लामाबाद में बड़े पैमाने पर धरना प्रदर्शन दिया जायेगा। इसलिए प्रधानमंत्री इमरान खान टीएलपी की मांगों को काफी संजीदगी से ले रहे हैं। दूसरी और राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों (President Emmanuel Macron) के कार्यालय से जुड़े उच्चाधिकारी मामले पर करीब से नज़रे बनाये हुए है। पाकिस्तान में किसी भी फ्रांसीसी नागरिक की जान का खतरा ना हो। इसके लिए एहतियाती उपायों पर उच्चस्तरीय बैठक की जा सकती है।
फ्रांसीसी अखबार के मुताबिक पाकिस्तान में इमैनुअल मैक्रों के खिलाफ लगातार हुए विरोध प्रदर्शनों में उन पर अपमानजनक व्यक्तिगत टिप्पणियां की गई। जिसे राष्ट्रपति कार्यालय ने काफी गंभीरता से लिया। पाकिस्तान के मौजूदा रवैये के तहत राजदूत को बाहर निकालने के कयासों पर फ्रांस की सरकार काफी गंभीर है। इससे दोनों देशों के राजनयिक और द्विपक्षीय संबंध (Diplomatic and bilateral relations) बुरी तरह प्रभावित हो सकते है। अगर ऐसा होता है तो इसकी सबसे ज़्यादा मार इस्लामाबाद पर ही पड़ेगी।