लाइफ स्टाइल डेस्क (देविका चौधरी): हार्डकोर सेक्स (Hardcore Sex) करने की कला से ज़्यादा इमेजिनेशन और क्रियेटिविटी ओरल सेक्स में लगती है। इसके हाथों की उंगलियों से लेकर जीभ तक का इस्तेमाल होता है। सबसे अहम बात ये काफी धैर्य और संयम वाला काम है। तकनीकी रूप से इंटरकोर्स और पेनिट्रेशन को ही सेक्स माना जाता है। ये सिर्फ मेल पार्टनरों की राह क्लाइमेस के लिए तैयार करता है। सीमन डिस्चार्ज के बाद इसका कोई वजूद नहीं रह जाता। मूड तैयार करने को इंटरकोर्स नहीं माना जाता है, जबकि फीमेल पार्टनर में ये मामला काफी पेचीदा है। महिलायें इंटरकोर्स से ज़्यादा ओरल सेक्स की दरकार रखती है।
कुछ लोग ओरल सेक्स को गंदगी, घिन्न और वहशीपन से जोड़ते है। असलियत में ऐसा नहीं है। दोनों के बीच कम्फर्ट लेवल हाई होने पर ये किसी तरह की असहजता पैदा नहीं करता। इसका असर इतना बेहतरीन होता है कि कई पार्टनर का ना-ना हां में बदल जाती है। बहुत से लोग ओरल सेक्स के बारे में बेहद कम जानते है। ऐसे में काम जानकारी काफी गलतफहमियां और भ्रान्ति पैदा करती है। आज हम आपको ओरल सेक्स से जुड़ी कई ऐसी बातें बताने जा रहे है। जो कि अक्सर लोगों को पता नहीं होती।
फीमेल्स को शर्त-प्रतिशत ऑर्गेज़्म देता ओरल सेक्स
कई लोगों के दिमाग में ये फितूर होता है कि ओरल सेक्स से फीमेल पार्टनर को संतुष्ट नहीं किया जा सकता। सच्चाई ये है कि ओरल सेक्स मल्टीप्ल ऑर्गेज़्म देने की काबिलियत रखता है। इसकी मदद से उन महिलाओं को भी चरमसुख महसूस होता है। जो कि कभी इसे हासिल ना कर पायी हो। बशर्तें इसकी इंटेनसिटी आला दर्जे की हो। कुछ कुछ मामलों में तो ये दोनों को ही चरमसुख महसूस करवा देता है। बस आपको क्लिटोरिस स्टिम्यूलेशन (Clitoris stimulation) का ध्यान रखना है। ये कवायद कुछ कुछ मास्टरबेशन से मिलती जुलती है। इसके साथ ही आप बॉडी के सेंसिटिव एरिया को उत्तेजित करके संतुष्टि महसूस करवा सकते है।
वर्जिनिटी रहती है सेफ
वर्जिनिटी का सीधा सरोकार पेनिट्रेटिव सेक्स से है। पेनिट्रेशन से ही वर्जिनिटी ब्रेक होती है। दूसरी तरफ ओरल सेक्स और पेनिट्रेटिव सेक्स में जमीन आसमान का अन्तर है। कई लोगों के इस बारे में जानकारी नहीं है। वो अपने दिमाग में इसे लेकर गलतफहमी पाले रहते है कि ओरल सेक्स करने से भी वर्जिनिटी ब्रेक होती है। इसे लेकर दो बातें है भले ही ये ओरल मैथ्ड हो लेकिन है ये सेक्स ही। दूसरी बात ओरल सेक्स करते हुए अगर आप खुद पर काबू ना रख सके तो पेनिट्रेटिव सेक्स होते देर नहीं लगेगी। कुल मिलाकर ये आपकी फिजिकल वर्जिनिटी को बरकरार रखते हुए मेंटल और इमोशनल वर्जिनिटी (Mantle and Emotional Virginity) को भंग कर देता है।
अनहाइजीनिक कतई नहीं
सेक्स और साफ-सफाई को लेकर कई लोग काफी सजग रहते है। ऐसे में वो ओरल सेक्स को हेल्थ के लिए खतरनाक मान बैठते है। जरा सी समझदारी दिखाकर इसे हाइजीनिक बनाया जा सकता है। वैसे भी साफ सफाई पर्सनैलिटी का वो हिस्सा है। जो सीधा आपसे जुड़ता है। इसके तहत दोनों पार्टनर अपने गुप्तांगों का साफ रख सकते है। मुंह और नाखून की सफाई रखना बेहद जरूरी है। त्वचा पर दाने, ज़ख्म और संक्रमण होने पर ओरल सेक्स करने से बचना चाहिए। अनहाइजीन वाले हालात तब पैदा होते है। जब सेक्सुअल एक्टीविटी में कई पार्टनर्स इन्वॉल्व हो। किसी अन्जान शख्स के साथ वन नाइट स्टैंड वाला ओरल सेक्स करना भी खतरनाक हो सकता है।
कॉन्डम इस्तेमाल कर सकते है बेहिचक
आमतौर पर कॉन्डम सेफ्टी को लेकर 97 फीसदी की सेफ्टी एक्यूरेसी देते है। इससे बेहतर सुरक्षित सेक्स का तरीका अभी तक कोई ईजाद नहीं हुआ है। ज्यादातर लोग पेनिट्रेटिव सेक्स के दौरान इसका इस्तेमाल करते है। ऐसे में कई लोग इस उछेड़बुन में रहते है कि जब ओरल सेक्स में पेनिट्रेशन ही नहीं करना है तो कॉन्डम का क्या इस्तेमाल ? पहली बात ये किसी रूल बुक में नहीं लिखा है कि ओरल सेक्स के दौरान कॉन्डम नहीं पहनना चाहिए। सेक्शुअली ट्रान्समिटेड डिज़ीज़ से बचने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। फ्लेवर्ड और डॉट्स वाले कॉन्डम बेड पर आपका एन्जॉयमेंट बढ़ा सकते है। सबसे अहम बात ओरल सेक्स के दौरान अगर आप भावनाओं में बहकर पेनिट्रेशन पर उतर आये तो ये सेफ्टी देता है।