लखनऊ (समरजीत अधिकारी): कृषि कानूनों को लेकर भारत के किसान दो धड़ों में विभक्त है। कुछ इसके समर्थन में तो कुछ इसके विरोध में। कुछ किसान गुटों की असहमति के कारण ही किसान आंदोलन (Kisan Andolan) दिल्ली की सीमाओं पर हो रहा है। इसी मसले पर राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन केंद्र सरकार द्वारा लागू तीनो कृषि सुधार बिलो के समर्थन में लगातार चलाये जा रहे अभियान को और तेज करते हुए दस दिन का महासम्पर्क अभियान चलाने का फैसला किया है। ये भी पढ़ें – Kisan Andolan: SHO पर तलवार चलाकर जीप ले भागने वाला, आंदोलनकारी निहंग सिख गिरफ्त में
महासम्पर्क अभियान के अंतर्गत सम्मलेन, विचार गोष्ठियां, दीपदान जैसे कार्यक्रमो के साथ साथ “अन्नदाता पूजन” का आयोजन किया जायेगा। यूनियन के पदाधिकारियों के मुताबिक इस कवायद से तीनो कृषि बिलों के संबध में तथाकथित किसान आंदोलन की आड़ में की जा रही राजनीति एवं भ्रामक दुष्प्रचार का उत्तर दिया जायेगा। इस मुहिम के तहत अन्नदाता पूजन किया जायेगा जिसमें वरिष्ठ अन्नदाता के पैर पखार कर तिलक अक्षत लगाया जायेगा, आरती उतारी जायेगी। उसी स्थान पर राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन द्वारा अन्नदाताओ की सभा कर किसानों के समक्ष तीनो कृषि सुधार बिलो से होने वाले लाभों को भी बताया जायेगा।
इस महासम्पर्क अभियान हेतु राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन से जुड़े कार्यकर्ताओ की बीस टोलिया बनाई गयी है, जो महासम्पर्क अभियान को सफल बनाने का काम करेंगी। ये भी पढ़ें – Kisan Andolan: SHO पर तलवार चलाकर जीप ले भागने वाला, आंदोलनकारी निहंग सिख गिरफ्त में
इस अवसर पर राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन के अध्यक्ष रामनिवास यादव ने मीडिया को बताया कि, किसानो के नाम पर प्रारम्भ हुआ तथाकथित किसान आंदोलन धरने, हिंसा से होता हुआ राजनीति की भेंट चढ़ गया है। तीनों कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ लगातार दुष्प्रचार कर देश के किसानों के कल्याण के मार्ग में बाधाएं खड़ी की जा रही है, जिसका का प्रति उत्तर देना ही होगा।
यादव ने कहा कि, दुर्भाग्य का विषय है कि देश के प्रमुख राजनैतिक दलों के नेता ‘वोट बैंक’ की राजनीति पर उतर आये है। किसान महापंचायतों के नाम पर अपने समर्थको को इकठ्ठा कर राजनैतिक रोटियां सेकने का प्रयास कर रहे है। तथाकथित किसान आंदोलन के नाम पर जो कुछ हुआ वो पूरा देश जानता है, इनके कृत्यो से देश का अन्नदाता शर्मसार हुआ है।
दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे आंदोलन को किसान और देश विरोधी बताते हुए रामनिवास यादव ने कहा कि, अन्नदाताओ को तथाकथित किसान आंदोलन के नाम पर बदनाम करने वालों की अब खैर नहीं है। राष्ट्रीयअन्नदाता यूनियन के कार्यकर्ता इन तथाकथित किसान संगठनों और नेताओ द्वारा की जा रही एजेंडा से प्रेरित किसान विरोधी राजनीति को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेंगे और ‘महासम्पर्क अभियान’ को सफल बनाते हुए इन तथाकथित आंदोलनकरियो की पोल खोलने का काम करेंगे।
राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन द्वारा इस महासम्पर्क का अभियान रविवार 21 फरवरी से प्रारम्भ होकर 2 मार्च तक चलेगा। यूनियन के पदाधिकारियों के अनुसार जल्द ही साथ ही किसान के नाम पर गन्दी राजनीति और हिंसा करने वालो को बेनकाब करने का काम किया जायेगा। ये भी पढ़ें – Kisan Andolan: SHO पर तलवार चलाकर जीप ले भागने वाला, आंदोलनकारी निहंग सिख गिरफ्त में
तीनो कृषि सुधार कानूनों (Farm laws) के समर्थन में किसानों से हस्ताक्षर करवा कर पत्र प्रधानमंत्री को भेजा जायेगा। महासम्पर्क अभियान का प्रभारी राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन के महामंत्री अवधेश प्रताप सिंह को बनाया गया है। ‘महासम्पर्क अभियान’ का प्रारम्भ 21 फरवरी रविवार को कृषि यन्त्र पूजन द्वारा किया जायेगा।