न्यूज़ डेस्क (नई दिल्ली): चीन (China) ने पहली बार चार पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के सैनिकों का नाम साझा किया है, जो पिछले साल जून में पूर्वी लद्दाख की गैलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ सीमा संघर्ष के दौरान मारे गए थे। चीन ने पहले गालवान में मुठभेड़ के दौरान मारे गये चीनी सैनिकों के विवरण का खुलासा करने से इनकार कर दिया था। ये भी पढ़ें – सोशल मीडिया पर Bhumi Pednekar का ये नया अवतार देख कर फैन्स हुए हैरान
शुक्रवार को एक रिपोर्ट में, चीनी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि चीन के केंद्रीय सैन्य आयोग ने “भारत के साथ सीमा टकराव दौरान पांच चीनी सैनिकों को याद किया। ग्लोबल टाइम्स (Global Times) की रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन द्वारा पीएलए के पांच सैनिकों में से चार को “बलिदान के लिए सम्मानित” किया गया था।
ग्लोबल टाइम्स ने पीएलए डेली के हवाले से बताया, “चीन के केंद्रीय सैन्य आयोग द्वारा कराकोरम पर्वत में तैनात पांच चीनी सीमांत अधिकारियों और सैनिकों को भारत के साथ सीमा पर टकराव में उनके योगदान के लिए मान्यता दी गई है।”
चीनी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक “चेन होंगुन (Chen Hongjun), चेन जियानगॉन्ग (Chen Xiangrong), जिओ सियुआन (Xiao Siyuan) और वांग ज़ुओरन (Wang Zhuoran)” कीविदेशी सैनिकों “के साथ एक भयंकर संघर्ष” के दौरान मृत्यु हो गई। चेन होंगुन को मरणोपरांत “बॉर्डर की रक्षा करने के लिए हीरो” की उपाधि से सम्मानित किया गया, जबकि अन्य तीनों को प्रथम श्रेणी के मेरिट प्रशस्ति पत्र दिए गए थे।
चीन ने पहली बार लद्दाख में भारतीय सेना के साथ झड़प में मारे गए चीनी अधिकारियों और सैनिकों का विवरण साझा किया है। इस झड़प के बाद, जबकि भारत ने कहा कि खूनी संघर्ष में चीनी सेना के 20 जवान मारे गए तो चीन ने अपने मारे गये सनिकों के आंकड़े को प्रकट करने से इनकार कर दिया और इसके बजाय रिपोर्टों को “Fake News” बताया था। ये भी पढ़ें – सोशल मीडिया पर Bhumi Pednekar का ये नया अवतार देख कर फैन्स हुए हैरान
गालवान में क्या हुआ था?
पिछले साल मई में पैट्रोल पॉइंट 14 के पास गालवान घाटी में दोनों पक्षों के सैनिक आपस में भिड़ गए थे जिसके चलते भारत और चीन के बीच सीमा रेखा को लेकर विवाद बढ़ता चला गया था। चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों पर हमला करने के लिए लोहे कि कीलो के साथ पत्थर और लाठी का इस्तेमाल किया था।
गालवान में हिंसक झड़प ने लगभग 45 वर्षों में दोनों पक्षों के बीच सबसे गंभीर सैन्य संघर्ष को देखा गया।
नौ महीने के गतिरोध और सैन्य वार्ता के कई दौरों के बाद, भारतीय और चीन कि सेनाओं ने इस महीने की शुरुआत में पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण तट पर हुए विघटन पर एक समझौता किया, जिसमें दोनों पक्षों को एक “चरणबद्ध तरीके से सैनिकों की तैनाती को रोकने का आदेश दिया गया।”
हाल ही में भारतीय सेना ने दोनों पक्षों के बीच सहमति के अनुरूप लद्दाख (Ladakh) में पंगोंग झील (Pangong lake) के आसपास के क्षेत्रों में चीनी सेना द्वारा सैनिकों के पीछे हटने और बंकरों, शिविरों को नष्ट करने वाला एक वीडियो और तस्वीरें भी जारी कीं थी। ये भी पढ़ें – सोशल मीडिया पर Bhumi Pednekar का ये नया अवतार देख कर फैन्स हुए हैरान