न्यूज डेस्क (गौरांग यदुवंशी): संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन (China) के बीच खराब होते संबंधों को देखते हुए, आज बीजिंग ने राष्ट्रपति जो बाइडन की अगुवाई वाले प्रशासन से द्विपक्षीय वार्ता के लिए गिड़गिड़ाता नज़र आया। एक कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र के दौरान विदेश मंत्री वांग यी ने ये मंशा जाहिर की। चीनी विदेश मंत्री चाहते है कि अमेरिका चीन के शैक्षिक संस्थानों, सांस्कृतिक समूहों और मीडिया आउटलेट्स (Media outlets) पर लगे प्रतिबंधों को वापस ले ले। अमेरिका वापस चीन के साथ समरसता बनाये। जिस कार्यक्रम में चीनी विदेश मंत्री ने ये बात कही, उसका विषय था संवाद, सहयोग और प्रबंध द्वारा चीन-अमेरिका संबंधों को बेहतर करना।
इस दौरान चीनी विदेश मंत्री ने कहा- हम बाइडन प्रशासन से गुज़ारिश करते हैं कि वो सीपीसी (चीन की कम्युनिस्ट पार्टी) और चीन की राजनीतिक व्यवस्था की आलोचना करना बंद करे। साथ ही वाशिंगटन ताइवान की स्वतंत्रता, हांगकांग, शिनजियांग, उईगर मुस्लिम, आंतरिक मामलों, सुरक्षा मुद्दों और तिब्बत जैसे विषयों पर गलतबयानी करने से परहेज करे। साथ ही अमेरिका ऐसे काम करने से बचे, जिससे चीनी संप्रभुता खंड़ित (Chinese sovereignty fractured) होती हो।
हाल ही में आठ चीनी लड़ाकू विमानों ने अपने वायु रक्षा क्षेत्र के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में उड़ान भरी थी। जिसके बाद अमेरिका ने अपने रक्षा मंत्री को ताइवान के रक्षा मंत्री के रूप में नियुक्त किया। जिससे दोनों देशों के बीच तनाव नये सिरे से बढ़ गया। बीते नवंबर महीने के दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका और ताइवान ने वाशिंगटन में घनिष्ठ आर्थिक संबंधों के लिए बने एक ड्राफ्ट पर हस्ताक्षर किए।
ग्लोबल टाइम्स ने वांग के हवाले से कहा कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन के बीच लूनर न्यू ईयर ईव के मौके पर पहली बार फोन कॉल पर औपचारिक वार्ता हुई। जिसके केन्द्र में चीन-अमेरिकी द्विपक्षीय संबंध थे। चीन कहीं ना कहीं अमेरिका से खुली टकराहट को कम करना चाह रहा है।
विदेश मंत्री वांग यी ने भाषण के दौरान कहा कि- पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बिना सोचे समझे चीनियों पर अमेरिका में कड़े प्रतिबंध लगाये। पिछले कुछ सालों से संयुक्त राज्य अमेरिका ने सभी स्तरों पर द्विपक्षीय बातचीत दरवाज़े बंद कर दिये है। हम अमेरिका के साथ स्पष्ट संवाद करने के लिए तैयार हैं। द्विपक्षीय समस्यायों को हल करने का एकमात्र तरीका संवाद है। जिसके लिए हम तैयार है।
हाल ही में विदेश मंत्री एंटनी जे ब्लिंकन ने अपने चीनी समकक्ष यांग जिएची के साथ टेलीफोन पर बातचीत की। जिसके बाद ब्लिंकन ने कहा कि- यांग जिएची को इस बात से अवगत करवा दिया गया है कि वाशिंगटन मानवाधिकार और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए हमेशा खड़ा रहेगा। जिसमें शिनजियांग, तिब्बत और हांगकांग के मुद्दे खासतौर से शामिल है। अंतरराष्ट्रीय प्रणाली का मखौल उड़ाने के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार है। जिसके लिए उसे ऐसे ही नहीं छोड़ा जा सकता। गौरतलब है कि पिछले साल के दौरान कोविड-19 महामारी, हॉन्ग कॉन्ग की स्वायत्तता और चीनी व्यापार युद्ध को रोकने के अमेरिकी प्रयासों के कारण वाशिंगटन और बीजिंग के बीच तल्खियां देखी गयी थी।