एंटरटेनमेंट डेस्क (ज्योति): बॉलीवुड ऐसी दुनिया है। जहां हर तरह की फिल्में दिखी जाती है। हाल ही में बॉलीवुड (Bollywood) में बॉयोपिक फिल्में बनाने तक चलन काफी तेजी से बढ़ा है। इसी फेहरिस्त में अब संजयलीला भंसाली की फिल्म “गंगूबाई काठियावाड़ी” 30 जुलाई 2021 को सिल्वर स्क्रीन पर उतरेगी। जिसमें आलिया भट्ट गंगूबाई काठियावाड़ी के किरदार में नजर आएंगी।
हाल ही में इस फिल्म का टीजर रिलीज हुआ। जिसमें आलिया काफी अलग लुक में नजर आयी। फिल्म के टीजर को देखने के बाद आलिया के इस नये अवतार को देखकर फैंस भी चौंक गए। इस काफी अलग लुक की फैंस जमकर तारीफ कर रहे है। टीजर रिलीज होने के बाद से ही लोगो के दिमाग में एक ही सवाल उठ रहा है कि कौन है गंगूबाई काठियावाड़ी?
रिर्पोट्स की माने तो गंगूबाई गुजरात के काठियावाड़ जिले की रहने वाली थी। ये ही वजह है कि उनका नाम गंगूबाई काठियावाड़ी पड़ा, पर ये उनकी असली पहचान नहीं थी। उनका असली नाम गंगा हरजीवनदास काठियावाड़ी था। गंगूबाई को 16 बरस की उम्र में ही अपने पिता के अकाउंटेट से प्यार हो गया था, वो उस लड़के के साथ शादी कर मुंबई भाग आई। बचपन से ही गंगूबाई एक्ट्रेस बनना चाहती थी। आशा पारेख और हेमा मालिनी जैसी एक्ट्रैस की वो बहुत बड़ी फेन भी थी, पर उनकी किस्मत ने उनका साथ नही दिया और उनका शौहर धोखेबाज़ निकला। उसने गंगूबाई को मुंबई के कमाठीपुरा इलाके में स्थित एक कोठे पर 500 रुपये में बेच दिया था।
गंगूबाई के ऊपर हुसैन जैदी ने एक किताब लिखी “द माफिया क्वीन ऑफ मुंबई ” उसके मुताबिक करीम लाला गैंग के एक आदमी ने गंगूबाई का रेप किया। जिसके बाद गंगूबाई ने करीम लाला से इंसाफ मांगा। गंगू ने राखी बांध करीम को भाई भी बनाया था। जिसके बाद गंगू मुंबई की सबसे बड़ी फीमेल डॉन (Female don) बनी ।
हालांकि गंगू मुंबई में कई कोठे भी चलाती थी। कहा जाता है कि वो बिना किसी लड़की की मर्जी के उसे अपने कोठे पर नही रखती थी। गंगूबाई ने अपनी पावर का इस्तेमाल वैश्याओं (The prostitutes) को समाज में उनका अधिकार दिलाने के लिए किया। बता दे कि गंगूबाई काठियावाड़ी की कहानी हुसैन जैदी की किताब द माफिया क्वीन ऑफ मुंबई पर बनी है।
बहरहाल है कि आलिया की फिल्म गंगूबाई काठियावाडी का डायलॉग “मैं गंगूबाई प्रेसिडेंट कमाठीपुरा, कुंवारी आपने छोड़ा नहीं और श्रीमती कभी किसी ने बनाया नही” जमकर ट्रेंड कर रहा है।