न्यूज डेस्क (दीक्षा गुप्ता): हिन्दू महासभा नेता (Hindu Mahasabha leader) और नगर निगम पार्षद रहे बाबूलाल चौरसिया ने हाल ही में कांग्रेस का हाथ थामा। इस मौके पर पूर्व मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री कमल नाथ भी मौजूद रहे। लम्बे समय से हिन्दू महासभा के नेता रहे बाबूलाल अक्सर नाथू राम गोडसे के समर्थन में आगे आते रहे हैं। बतौर पार्षद उनके ही इलाके में इकलौता गोडसे का मंदिर है। मध्य प्रदेश कांग्रेस ने इसकी जानकारी अपने ट्विटर हैंडल के जरिये आम जनता के बीच साझा की।
बताया खुद को कांग्रेसियां
लम्बे समय से हिन्दू महासभा के नेता रह चुके चौरसिया ने कांग्रेस ज्वाइन करते समय लोगों को संबोधित करते हुए, खुद को असली कांग्रेसियां बता डाला। उन्होंने कहा कि- मैं शुरू से ही कांग्रेसियां रहा हूँ, हालाँकि टिकट ना मिलने पर मैंने कांग्रेस छोड़ दी थी। और बाद में हिन्दू महासभा में शामिल हो गया। कई बार चुनाव जीत कर सामने आया, लेकिन उनकी विचारधारा (Right wing ideology) को पूरी तरह कभी नहीं अपना पाया। इसलिए अब मैं खुद कांग्रेस में वापसी कर रहा हूँ।
गौरतलब है बाबूलाल चौरसिया नाथू राम गोडसे की मूर्ति और मंदिर का समर्थन करने वालों में सबसे प्रमुख थे। यहीं नहीं हर साल वो गोडसे के जन्मदिवस के दिन उन्हें श्रद्धांजलि देते रहें है। हालांकि दल बदलने के साथ-साथ उन्होनें अपना बयान भी बदल दिया और सारा दोष हिन्दू महासभा के माथे पर ही मढ़ डाला। उन्होने कहा कि अब तक जो किया उसका दबाव पार्टी ने ही उन पर बनाया था।
इस कार्यक्रम में ग्वालियर के विधायक प्रवीण पाठक भी कार्यक्रम के दौरान मौजूद थे। जिसमें वो चौरसिया का बचाव करते हुए नजर आये, उन्होंने कहा कि “चौरसिया पहले कांग्रेस के ही सदस्य थे और उनके वापसी के फैसले का पार्टी तहे दिल से स्वागत करती है” वहीं खबरों के मुताबिक कांग्रेस की ओर से कहा गया कि- पार्टी माफ़ कर देने में यकीन करती है। इसी के चलते बाबूलाल चौरसिया (Babulal Chaurasia) को भी पार्टी में दोबारा स्थान मिल गया है।