न्यूज डेस्क (मौनी): पंजाब के बरनाला शहर में इंसानियत शर्मसार हुई। जहां पहले 22 साल की युवती को 8 महीने तक बंधक बनाकर बलात्कार (Rape) किया गया। फिर उसे जिस्म की मंडी से उठाकर बेच दिया गया। पीड़िता के बयान के बाद पुलिस ने 2 महिलाओं समेत 7 लोगों पर मामला दर्ज कर लिया है। गौरतलब है कि इन 7 लोगों में एक शिरोमणी अकाल दल का नेता भी शामिल है।
पीड़िता को डराने धमकाने के आरोप में 3 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड़ कर दिया गया। पीड़िता का मेड़िकल टेस्ट कराया गया और मजिस्ट्रेट द्वारा पीड़िता के बयान दर्ज कर लिये गये। पीड़िता और उसके परिजनों ने सभी आरोपियों के खिलाफ कड़ी कारवाई करने की मांग की है। और साथ ही खुद की जान को भी खतरा भी बताया है। परिजनों के मुताबिक आरोपी पक्ष काफी रसूखदार है। अपनी ताकत का इस्तेमाल कर वो मामले को प्रभावित कर सकते है।
मामले की पूरी जानकारी देते हुए पीड़िता के भाई ने बताया कि, 24 जून 2020 को उनके घर किराये पर रहने वाली महिला उसकी बहन को बहला-फुसलाकर अकाली दल के नेता के भाई के घर ले गई। वहां कुल 20-25 लोगों के साथ कुछ महिलायें थी। वहां उसकी बहन को कोल्ड्र ड्रिंक में नशे की दवा मिलाकर दी गई। फिर उसी दिन अकाली दल के नेता और वहां मौजूद अन्य लोगों ने उसकी बहन के साथ सामूहिक बलात्कार (Gang rape) किया।
17 दिनों तक पीड़िता को बरनाला जिले के गांव पंधेर में और उसके बाद जिला संगरुर के एक गांव में रखा गया। फिर उसकी बहन को बठिंडा ले जाकर जबरदस्ती शादी करवा दी गई। जब बठिंड़ा में उसकी बहन को 3 लाख रुपये में बेचने की बात चल रही थी। जिसे सुनकर बहन जैसे तैसे वहां से भाग आई और मां को कॉल की।
जब परिजन पीड़िता को लेने गये तब व नशे का हालत में थी। उसके बाद उसे सरकारी अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। पीड़िता ने अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा की मांग की है। भाई का कहना है कि इससे संबंधी शिकायत हमने बरनाला में भी दर्ज कराई थी। तब थानेदार ने उनसे पैसों की मांग की। जिसके बाद उन्होंने एसएसपी बरनाला से मिलने का प्रयास किया, लेकिन उन्हें मिलने नहीं दिया गया।
इस मामले को लेकर बरनाला के डीएसपी सिटी लखबरी सिंह टिवाणा ने बताया कि- बीते साल 10 जुलाई को पीड़िता की मां ने एफआईआर दर्ज कराई थी। जिसमें उन्होनें पुलिस को बताया था कि, उनकी किरायेदार महिला उनकी बेटी को भगाकर ले गई। जिसके बाद में उस महिला को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
गौरतलब है कि कुछ वक़्त बाद पीड़िता ने मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज करवाये थे कि, उसे कोई भगाकर नहीं ले गया था। वो अपनी मर्जी गयी थी और फिर से शादी कर ली। जिसके कारण कार्रवाई को वहीं रोक दिया गया। डीएसपी ने बताया इसके बाद 23 फरवरी को उन्हें खबर मिली कि पीड़िता अस्पताल में भर्ती है। जिसके बाद लड़की के बयान दर्ज किये गये। बरनाला सिटी एसपी (Barnala City SP) के आदेशों के बाद अब 3 थानेदारों को सस्पेंड कर दिया गया है और पीडिंता ने 7 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया, जिनको पुलिस जल्द ही पकड़ लेगी।