न्यूज डेस्क (प्रियंवदा गोप): तेलंगाना से कत्ल (Murder) की एक अजीब वारदात सामने आ रही है। जहां बीते शनिवार को एक मुर्गें को अपने मालिक की हत्या की गैर इरादतन वारदात को अंज़ाम देने का इल्ज़ाम में पकड़ा गया। सूबे के येल्लम्मा मंदिर में मुर्गों की लड़ाई का आयोजन किया गया था। जहां 45 वर्षीय व्यक्ति थंगुला सतीश की मौत हो गई। मुर्गें सहित कार्यक्रम को आयोजित करने वाले लोगों में से एक शख़्स को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
घटना 22 फरवरी की बतायी जा रही है। जहां लथुनुर गांव निवासी सतीश अवैध तरीके से मुर्गा खरीदकर लाया। मुर्गें की लड़ाई के लिए उसे तैयार करने के लिए सतीश ने उसे पैरों में नुकीला चाकू (कोड्डी काठी) लगाने की कोशिश की। इस दौरान मुर्गों लगातार तड़पड़ाता रहा और एक ही दम से उसकी पकड़ से निकल भागा। इस कवायद के बीच चाकू उसके पैरों और कमर पर लग गया और बुरी तरह ज़ख्मी हो गया।
ज़्यादा खून बहने के कारण उसे स्थानीय अस्पताल ले जाया गया। जहां प्राथमिक जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया गया। तेलंगाना में मुर्गों की लड़ाई कानूनी तौर पर प्रतिबंधित है लेकिन कई लोग इसे गुपचुप तरीके से आयोजित करवाते है। तेलंगाना पुलिस आरोपी मुर्गें को गोलपल्ली पुलिस स्टेशन ले गयी। जहां उसे पुलिसिया हिरासत (Police custody) में रखा गया। इसके साथ ही पुलिस कर्मियों ने उसकी देखभाल और खाने-पीने के भी इंतज़ाम किये।
इस घटना के बाद कुछ स्थानीय न्यूज चैनलों ने खब़र चलायी कि पुलिस ने मुर्गे को ‘गिरफ्तार’ कर लिया है। इस दौरान थाने में बंधे हुए मुर्गें के विजुअल्स भी ब्राडकास्ट किये गये। गोलापल्ली स्टेशन हाउस अधिकारी बी. जीवन ने मीडिया को बताया कि-मुर्गें को न तो गिरफ्तार किया गया और न ही हिरासत में लिया गया। पुलिस ने मुर्गे की सुरक्षा की जिम्मेदारी ली। जिसे अब जल्द ही मुर्गी फार्म भेज दिया जायेगा लेकिन उससे पहले उसे कोर्टरूम (Courtroom) में जज के सामने पेश किया जायेगा। जज के आदेशों के बाद ही कार्रवाई का अगला रास्ता तय होगा।