न्यूज़ डेस्क (नई दिल्ली): उत्तर प्रदेश के इटावा जिले (Etawah District) में थाना लवेदी के अंतर्गत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर द्वारा दिये गये निर्देशों के क्रम में अपहरण और हत्या के आरोपी को गिरफ़्तार किया गया।
दरअसल मामला पिछले साल यानी जनवरी 2020 का है जब थाना लवेदी में शिकायकर्ता नीलम देवी निवासी पिपरीपुर घार द्वारा अपने पुत्र गजेन्द्र की गुमशुदगी के संबंध में तहरीर (Tahrir in relation to missing) दी गई। जिसके बाद तत्काल जरूरी कार्यवाही करते हुए थाना लवेदी द्वारा भारतीय दंड सहिंता की धारा 364, 506 के अंतर्गत पुत्तन तिवारी के खिलाफ एफआईआर दायर की गयी।
गौरतलब हैै कि पुलिस टीम द्वारा कार्रवाई करते हुए इसी साल 9 फरवरी को घटना के मास्टरमाइंड अंशु चौहान पुत्र राजेन्द्र चौहान निवासी नवादा खुर्द को गिरफ्तार किया गया था औरअन्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु पुलिस टीम प्रयासरत थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक इटावा द्वारा SOG (special operation group) और थाना लवेदी से दो टीमों का गठन कर छानबीन में लगाया गया।
इसी कड़ी में थाना सिविल लाइन पुलिस को मुखाबिरों के हवाले से जानकारी मिली कि, अभियुक्त कचौरा रोड स्थित सॉई भट्टा के पास, अपने साथियों के साथ दो अलग-अलग गाड़ियों पर सवार भागने की फिराक में है। जानकारी पर फौरी कार्रवाई (Quick action) करते हुए तीनों टीमों ने इकट्ठा होकर मुखबिर की निशानदेही पर मौके पर पहुचें तो पुलिस टीम को सॉई भट्टा के पास 02 लाल रंग की गाड़ियां खड़ी दिखायी दी, जिसमें 4-5 व्यक्ति सवार थे। पुलिस टीम को देखकर अभियुक्तों द्वारा गाड़ियों को छोड़कर जंगल की ओर भागने का प्रयास किया गया। जिसके बाद पुलिस टीम द्वारा आवश्यक बल प्रयोग कर 01 अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया, वहीं दूसरे सभी अभियुक्त मौके का फायदा उठाकर भागने में कामयाब रहे, जिनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम लगातार दबिश दे रही है।
गिरफ्तार अभियुक्त श्यामवीर तिवारी ने अपने इकबालिया बयान में बताया कि, मैं (श्यामबीर तिवारी) और मेरे भाई रामवीर तिवारी, रघुवीर तिवारी पुत्तन, मृतक गजेन्द्र, पुत्तन तिवारी और अंशू आपस में बहुत अच्छे मित्र थे। जिसके चलते इनका पुत्तन के घर आना जाना रहता था। मृतक गजेन्द्र का पुत्तन के बड़े भाई अजय तिवारी की बेटी के साथ प्रेम संबंध था। जिन्होनें बिना बताये मंदिर मे जाकर प्रेम विवाह कर लिया। जिसकी वज़ह से पुत्तन बहुत नाराज था। इसी कारण हम लोगों ने मिलकर गजेन्द्र को मारने की प्लानिंग बनाई।
श्यामवीर ने बताया कि, योजना के मुताबिक हमने (अभियुक्तों ) ने बीते साल 6 जनवरी को गजेन्द्र को अपने घर ग्राम नवादा दावत के लिए बुलाया और उसे शराब पिलाई। जिसके बाद सभी ने मिलकर गजेन्द्र को जैतपुरा नहर की पटरी के पास कार में ही गजेन्द्र के हाथ पैर पकडकर गला दबाकर हत्या कर दी और शव को बोरे में बंद कर, चंबल नदी में फेंक दिया।
पहली टीम की अगुवाई उपरनिरीक्षक, प्रभारी एसओजी सत्येन्द्र सिंह यादव ने की। साथ दूसरी और तीसरी पुलिस पार्टी की कमान सुरेश चन्द्र थानाध्यक्ष लवेदी और रमेश सिंह प्रभारी निरीक्षक थाना सिविल लाइन नो संभाल रखी थी। पकड़े गये अभियुक्त का लंबा अपराधिक इतिहास रहा है। उस पर करीब 17 क्रिमिनल्स केस दर्ज है। अभियुक्त सीएलए एक्ट, गुण्डा एक्ट, इंडियन पीनल कोड, आर्म्स एक्ट, गैगस्टर एक्ट और सीआरपीसी की कई धाराओं में आरोपी है।