न्यूज़ डेस्क (नई दिल्ली): कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने मंगलवार को कॉर्नेल विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) द्वारा 1975 से ’77 तक लगाया गया आपातकाल (Emergency) एक “गलती” थी और उस अवधि में जो हुआ वह भी “गलत” था। ये भी पढ़ें – JIO ने यूजर्स के लिए लांच किए 5 नए शानदार प्लान, मात्र 22 रूपये में मिलेगा महीने भर के लिए 4G इन्टरनेट
राहुल गांधी ने भी कहा कि आपातकाल के दौरान, संवैधानिक अधिकारों और नागरिक स्वतंत्रता को निलंबित कर दिया गया था। मीडिया को गंभीर रूप से प्रतिबंधित कर दिया गया था और कई विपक्षी नेताओं को जेल में डाल दिया गया था।
गांधी ने प्रसिद्ध अर्थशास्त्री कौशिक बसु के साथ बातचीत में कहा कि “मुझे लगता है कि यह एक गलती थी। पूरी तरह से ये एक गलत फैसला था। और मेरी दादी (श्रीमती गांधी) ने भी यही कहा था। लेकिन कांग्रेस ने कभी भी भारत के किसी संस्थागत ढांचे पर कब्जा करने का प्रयास नही किया … वास्तव में ऐसा करने की हमारी क्षमता भी नही है। कांग्रेस की विचारधारा हमें ऐसा करने की अनुमति नही देती है।”
कांग्रेस नेता ने कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा – जिनके नेता आपातकाल के दौरान जेल गए थे – ने अक्सर इस विषय पर कांग्रेस पर हमला किया है। पिछले साल जून में गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने भी ट्वीट्स की श्रृंखला में कांग्रेस और गांधीवाद पर निशाना साधते हुए कहा, “सत्ता के लिए एक परिवार का लालच” ने देश को रातोंरात “जेल” में बदल दिया था।
शाह ने ट्वीट किया था कि “प्रेस, अदालतें, बोलने की स्वतंत्रता… सभी को रौंदा गया। गरीबों और दलितों पर अत्याचार किए गए।” ये भी पढ़ें – JIO ने यूजर्स के लिए लांच किए 5 नए शानदार प्लान, मात्र 22 रूपये में मिलेगा महीने भर के लिए 4G इन्टरनेट
हालाँकि, गांधी ने मंगलवार को कहा कि 1975 और 1977 के बीच जो हुआ और आज जो हो रहा है, इसके बीच “मौलिक अंतर” था। यानी आरएसएस (RSS) अपने लोगों के साथ संस्थानों को भर रहा है।
राहुल गाँधी ने भारतीय bureaucracy पर भी हमला करते हुए कहा कि आज भले ही हम चुनाव में भाजपा को हरा दें, लेकिन हम संस्थागत ढांचे में उनके लोगों से छुटकारा नहीं पा सकते। आधुनिक लोकतंत्र कार्य करता हैं क्योंकि संस्थागत संतुलन है … संस्थाएं स्वतंत्र रूप से काम करती हैं। भारत में RSS द्वारा स्वतंत्रता पर हमला किया जा रहा है। हम यह नहीं कहेंगे कि लोकतंत्र मिट रहा है, बल्कि ये कहेंगे की ऐसा करके लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है।
गांधी ने मध्यम्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिरने से पहले अपनी पार्टी के नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamalnath) के साथ बातचीत को याद किया। गांधी ने कहा कि, कमलनाथ ने उन्हें बताया, उनकी सरकार में वरिष्ठ नौकरशाह उनके आदेशों का पालन नहीं कर रहे थे क्योंकि उन्होंने आरएसएस के प्रति निष्ठा का दावा किया था।
राहुल गांधी ने कहा, “इसलिए, यह मौलिक रूप से अलग है जो हो रहा है।” ये भी पढ़ें – JIO ने यूजर्स के लिए लांच किए 5 नए शानदार प्लान, मात्र 22 रूपये में मिलेगा महीने भर के लिए 4G इन्टरनेट
दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इस बात की जांच करेगा कि क्या इतने सालों के बाद आपातकाल को पूरी तरह असंवैधानिक घोषित किया जा सकता है। एक 94 वर्षीय महिला द्वारा दायर याचिका के बाद केंद्र से इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया मांगी गई।
गांधी ने अपनी पार्टी के भीतर की दरार पर भी बात करते हुए कहा कि, बंगाल कांग्रेस के प्रमुख अधीर रंजन चौधरी और पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा के बीच पार्टी के गठबंधन को लेकर कुछ विवाद हुआ है। बता दें कि आनंद शर्मा कांग्रेस पार्टी के “G -23” का हिस्सा है जो कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से नाराज़ चल रहे है।
कांग्रेस पार्टी के बीच बढ़ते विवाद पर बोलते हुए राहुल गाँधी ने कहा कि “मैं पहला व्यक्ति हूं जो कहता है कि पार्टी के भीतर लोकतांत्रिक चुनाव बिल्कुल महत्वपूर्ण है। लेकिन मेरे लिए यह दिलचस्प है कि यह सवाल किसी अन्य राजनीतिक दल से नहीं पूछा गया। किसी ने नहीं पूछा कि भाजपा, बसपा और समाजवादी पार्टी में कोई आंतरिक लोकतंत्र (democracy) क्यों नहीं है। ये भी पढ़ें – JIO ने यूजर्स के लिए लांच किए 5 नए शानदार प्लान, मात्र 22 रूपये में मिलेगा महीने भर के लिए 4G इन्टरनेट