न्यूज डेस्क (दिगान्त बरूआ): अपहरण और हत्या के मामले में इटावा पुलिस (Etawah Police) की फौरी ज़वाबी कार्रवाई और दबिश के चलते मामले में अभियुक्त शख़्स द्वारा कोर्ट में सरेंडर करने का मामले सामने आ रहा है। मामला बीती जनवरी को बताया जा रहा है। थाना लवेदी पर शिकायतकर्ता नीलम देवी तहरीर दी कि, उनका बेटा गजेन्द्र गुमशुदा हो गया है। मामले की संजीदगी और गंभीरता को देखते हुए एसएसपी आकाश तोमर ने टीम का गठन कर मामले की पड़ताल के लिए खास ब्रीफिंग दी।
परिवारवालों ने संजय तिवारी उर्फ पुत्तन तिवारी का इस मामले में हाथ होना का शक ज़ाहिर किया। जिसके आधार पर पुलिस ने मु0अ0सं0 07/20 धारा 364,506 (बढोत्तरी धारा 302,201,120बी भादवि) के तहत मामला दर्ज कर लिया। पीड़ित परिवार वालों से मिली जानकारी को आधार बनाते हुए इटावा पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी। प्रथम दृष्टया सबूतों (Prima facie evidence) के आधार पुलिस को मामले में हत्या और अपहरण की बात की पुष्टि मिली।
सिलसिलेवार घटनाक्रम और मैन्युअल सबूतों के निशानदेही पर वारदात में शामिल अंशु चौहान और श्यामवीर तिवारी को पुलिस ने धरदबोचा। लगातार पुलिसिया के दबिश के कारण पुत्तन तिवारी ने जिला अदालत इटावा में जाकर आत्मसमर्पण कर दिया।
पकड़े गये अभियुक्त आदतन अपराधी प्रवृत्ति (Habitual criminal tendency) के है। जिले में इनके खिलाफ पहले से ही गुण्डा एक्ट और आईपीसी के तहत मामले दर्ज है। पकड़े गये सभी अभियुक्तों पर मु0अ0स0 07/20, आईपीसी की धारा 364,506,302,201,120बी के तहत न्यायिक सुनवाई चल रही है।