न्यूज डेस्क (विश्वरूप प्रियदर्शी): तृणमूल कांग्रेस (TMC) का एक संसदीय प्रतिनिधिमंडल बीती रात नंदीग्राम में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर ‘हमले’ के बारे में शिकायत करने के लिए 12 मार्च को दिल्ली में चुनाव आयोग से मिलेगा।प्रतिनिधिमंडल में दोनों सदनों के छह सांसद शामिल होंगे। जो कोलकाता से दिल्ली के लिए रवाना हो चुके है।इससे पहले टीएमसी प्रतिनिधि सांसद डेरेक ओ’ब्रायन, चंद्रिमा भट्टाचार्य और पार्थ चटर्जी ने एक साथ मिलकर आज दोपहर में कोलकाता में 21 एनएस रोड स्थित राज्य चुनाव आयोग के कार्यालय में मुख्य चुनाव अधिकारी से मुलाकात की थी।
पार्थ चटर्जी शिकायत करने के बाद कहा कि मुख्यमंत्री पर हुए हमले के मुद्दे पर हमने सीईओ से मुलाकात की। हमने इस बात की चुनाव आयोग के आलोचना कि वो राज्य की कानून व्यवस्था की स्थिति संभालने वाले मोर्च पर अलग-थलग सा हो गया है। हालांकि टीएमसी प्रतिनिधियों के जाने के बाद, भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने भी सीईओ से मुलाकात कर पूछा कि, सीएम के काफिले (CM convoy) के साथ कोई एम्बुलेंस क्यों नहीं थी?
इस दौरान भाजपा के लोगों ने सवाल उठाया कि, एम्बुलेंस कहाँ है? सीएम के काफिले में एक एम्बुलेंस है। वह कौन सा अस्पताल है, जो आम तौर मुख्यमंत्री की मेडिकल एमरजेंसी से डील करता है? उन्हें कोलकाता की यात्रा क्यों करनी पड़ी? टीएमसी ने कहा कि राज्य की सुरक्षा व्यवस्था चुनाव आयोग द्वारा संभालने के बाद ऐसा हुआ है? मुख्यमंत्री की सुरक्षा में तैनात चार आईपीएस अधिकारी कहां और क्या कर रहे थे?
गौरतलब है कि ममता बनर्जी ने चुनावी दंगल में अपना नामांकन दर्ज करवाने के बाद दो दिनों के लिए नंदीग्राम के दौरे पर थी। जहाँ उनके चुनाव अभियान के दौरान कुछ अज्ञात लोगों द्वारा उन्हें कथित तौर पर धक्का दिया गया था। जिसके बाद उन्हें कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल में ले जाया गया। मेडिकल रिपोर्ट (Medical Report) के मुताबिक उसके बाएं पैर और टखने पर गंभीर चोट लगी है। साथ ही कंधे, बांह और गर्दन पर भी चोटों के निशान हैं। इस घटनाक्रम के बाद राज्य में टीएमसी, कांग्रेस-वाम गठबंधन और भाजपा के साथ त्रिकोणीय मुकाबला देखने की संभावना है।