न्यूज़ डेस्क (मिताली): उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव आए दिन अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में बने रहते हैं। अब एक बार फिर अखिलेश सुर्खियों में छाए हुए हैं, लेकिन इस बार वजह उनका कोई विवादित बयान नही है बल्कि उनकी और उनके लोगों की हरकते हैं, जो कि एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान देखने को मिली।
गौरतलब है कि अखिलेश यादव की प्रेस कांफ्रेंस (press conference) में पत्रकारों की काफी बेइज्जती की गई और पत्रकारों पर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के कार्यकर्ताओं द्वारा हमला भी किया। दरअसल अखिलेश दो दिनों के लिए मुरादाबाद दौरे के लिए पहुंचे, जहां उन्हें कार्यकर्ता सम्मेलन में शामिल हिस्सा लेना था और एसपी के कार्यकर्ताओं से 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कुछ बातें साझा करनी थी।
अखिलेश ने मुरादाबाद (Muradabad) के होटल में एक प्रेस कांफ्रेंस बुलाई जहां एक रिपोर्टर द्वारा पार्टी अध्यक्ष से सावल पूछने के बाद अखिलेश गुस्सा हो गएं और कहा कि जो सवाल मुझसे पूछ रहें हो वह कभी बीजेपी से भी पूछ लिया करों। पार्टी के कार्यकर्ता भी पत्रकारों पर भड़क गए और पत्रकारों पर हमला कर दिया। हालांकि इस प्रेस कांफ्रेंस में कई पत्रकार, धक्का-मुक्की की वजह से घायल हो गए और कुछ को गंभीर चोट भी आई है।
वहीं दूसरी ओर इस घटना के बाद बीजेपी प्रवक्ता शंलभ मणि ने एक ट्वीट के जरिए कहा कि इस लाल टोपी वाले की गुंडो की गुंडई, संभल में सवाल पूछने पर सपाई गुंडो ने रिपोर्टर और पत्रकारों को बुरी तरह से पीटा, धमकाया, अपमानित करके भगाया और कई घायल भी हो गए। आगे ट्वीट में कहा की गेस्ट हाउस कांड के बाद यूपी के इतिहास का सबसे कलंकित दिन। अभी सत्ता में हैं नही तब इतनी गुंडई, सोचिए सत्ता में रहते कितना नशा रहा होगा।
फिलहाल पत्रकार वार्ता में हुई घटना के बाद अखिलेश यादव ने पत्रकारों से माफी मांगी है। लेकिन एसपी के कार्यकर्ताओं का पत्रकारों पर इस तरह से भड़कना क्या सही था? इस सवाल का जवाब तो प्रदेश की जनता भी जानना चाहती है।