देश का राष्ट्रीय चरित्र संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक और गणतंत्र राष्ट्र होने के नाते खतरे में है। न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व से समझौता कर लिया गया है और हम लोग चैन से सो रहे हैं। देश को जागृत करने की जरूरत है। साथ ही सामाजिक आर्थिक सशक्तिकरण वक़्त की जरूरत है। देश में हाशिये पर जी रहे लोगों को विर्मश के केन्द्र में लाना होगा और उनका सशक्तिकरण करना होगा। हालिया तस्वीर को देखते हुए ये वक़्त है जागने का और वास्तविक बदलाव के लिए आगे बढ़ने का। जहाँ देश का हर नागरिक व्यवस्था में बैठी इन जोकों से ज़वाबदेही कर सके और देश को महान राष्ट्र बनाने की ओर अगुवाई करनी होगी। अखंड और विकसित भारत होना चाहिए ना कि खंडित भारत। ये समय है मातृभूमि का कर्ज चुकाने का। आइये इस मुहिम में मेरे साथ जुड़िये। क्या आप मेरा साथ देगें ?