न्यूज डेस्क (एकता सहगल): नाबालिग को बहला फुसलाकर गुमराह करने के एक मामले में आरोपी के खिलाफ इटावा पुलिस (Etawah Police) ने कोर्ट में जोरदार पैरवी की। जिसके चलते अदालत ने मुज़रिम को सात साल की बमशक्कत़ कैद (Rigorous custody) और सात हज़ार रूपये जुर्माने की सज़ा मुकर्रर की। पुलिसिया स्रोतों से मिली जानकारी के मुताबिक जून 2016 के दौरान थाना बकेवर पर महेन्द्र कुमार ने पुलिस में लिखित तहरीर दी कि, उनकी नाबालिग बेटी को वीरेन्द्र सिंह बरगलाकर ले भागा है। शिकायत मिलने के बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक इटावा आकाश तोमर ने नाबालिग लड़की बरामदगी के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किये।
इसी क्रम में थाना बकेवर पुलिस द्वारा मु0अ0सं0 248/2016 धारा 363,366 भादवि के तहत मामला दर्ज कर लिया गया। मुखबिर तंत्र और इलैक्ट्रॉनिक सर्विलांस की मदद से अपराधी की धकपकड़ करने की मुहिम बेहद सरगर्मी से शुरू की गयी। आखिरकर पुख़्ता सबूतों की रोशनी में मुज़ारिम को हिरासत में ले लिया गया। मामले से संजीदगी को भांपते हुए इंवेस्टीगेशन ऑफिसर सब इंस्पेक्टर देव प्रकाश रावत ने साक्ष्यों के आधार पर चार्जशीट 262/16 में धारा 376(1) को भी जोड़ दिया।
मामले में कानूनी सुनवाई के लिए चार्जशीट और सबूतों को इटावा पुलिस ने कोर्ट में भेज दिया। नियमित सुनवाई के दौरान इटावा पुलिस ने मुज़ारिम के खिलाफ कोर्ट में ठोस सबूत और गवाह पेश किये। साथ ही पुलिस मॉनिटरिंग/पैरवी सैल ने मामले पर अपनी मजबूत दलीलें पेश की। जिसके चलते कोर्ट को फैसला लेने में काफी आसानी हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट इटावा पुलिस के पेशेवराना रवैये और मुस्तैदी (Professionalism and promptness) से काफी प्रभावित दिखा।