न्यूज़ डेस्क (नई दिल्ली): सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Road Transport and Highways Minister Nitin Gadkari) ने गुरुवार को कहा कि अगले 1 साल के भीतर भारत में टोल बूथों (Toll Booth) को पूर्ण रूप से हटा दिया जायेगा साथ ही जीपीएस आधारित टोल संग्रह को लागू लागू किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि 93 प्रतिशत वाहन फस्टैग (FasTag) का उपयोग कर टोल का भुगतान करते हैं, लेकिन शेष 7 प्रतिशत ने दोहरे (double) टोल का भुगतान करने के बावजूद इसे नहीं लिया है।
प्रश्नकाल के दौरान लोकसभा में गडकरी ने कहा, “मैं सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि एक वर्ष के भीतर देश के सभी भौतिक टोल बूथ (physical toll booth) हटा दिए जाएंगे। इसका मतलब है कि टोल संग्रह जीपीएस के माध्यम से होगा। धनराशि जीपीएस इमेजिंग (वाहनों पर) के आधार पर एकत्र की जाएगी।”
मंत्री ने कहा कि उन्होंने उन वाहनों के लिए पुलिस जांच के निर्देश दिए हैं जो FASTags का उपयोग कर टोल का भुगतान नहीं करते हैं। अगर वाहनों में FASTags फिट नहीं हैं तो टोल चोरी और जीएसटी चोरी का मामला दर्ज किया जायेगा।
FASTags, जो टोल प्लाज़ा पर शुल्क के इलेक्ट्रॉनिक भुगतान की सुविधा प्रदान करता है, 2016 में पेश किया गया था। 16 फरवरी से, FASTag के बिना वाहनों को देश भर में इलेक्ट्रॉनिक टोल प्लाजा पर दोगुना टोल शुल्क देना पड़ता है।
टैग को अनिवार्य करने से वाहनों को टोल प्लाजा को बिना देरी और बिना रूकावट के पार करने में मदद मिलेगी साथ ही शुल्क का भुगतान इलेक्ट्रॉनिक रूप से किया जाएगा।
गडकरी ने कहा कि हालाँकि नए वाहनों में FasTags लगे हुए हैं, लेकिन पुराने वाहनों के लिए सरकार मुफ्त FASTags देगी।