न्यूज़ डेस्क (नई दिल्ली): दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने आज केंद्र से गुहार लगाई कि उनकी सरकार की कोशिशों को अमलीजामा पहनाया जाए ताकि लोगों को उनके घर पर मासिक राशन मिल सके। उन्होंने कहा कि उनके प्रशासन का एकमात्र उद्देश्य इस इस योजना के माध्यम से शहर में संचालित राशन माफिया पर लगाम लगाना है। उन्होंने दावा किया कि वह खुद इसका कोई श्रेय नहीं चाहते हैं।
राजधानी की प्रमुख घर-घर राशन योजना (Ghar-Ghar Ration Yojana) 25 मार्च को लॉन्च से कुछ दिन पहले ही अटक गई जब केंद्र सरकार ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत दिल्ली को मिलने वाले आवंटित खाद्यान्न का उपयोग इस योजना के तहत नहीं किया जा सकता।
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने आज कहा कि “मैं केंद्र सरकार को स्पष्ट करना चाहता हूं कि हम इस योजना के लिए किसी भी प्रकार से दिल्ली सरकार से नही जोड़ेंगे। हम इसे कोई भी नाम से देंगे – जैसे कि मुख्मंत्री राशन योजना – हम ऐसा नहीं करेंगे, क्योंकि हम इसके लिए कोई क्रेडिट नहीं चाहते हैं।”
AAP प्रमुख ने आगे कहा कि, “हम केंद्र सरकार की आपत्ति से थोड़ा निराश थे, लेकिन हमने इसके साथ उनके मुद्दे को समझा है। हम चाहते हैं कि लोग लाभान्वित हों और राशन माफिया को हराया जाए और इसके लिए हम केंद्र सरकार जो भी कहें, करने को तैयार हैं। जैसा कि मैंने कहा, हम कोई क्रेडिट नहीं चाहते हैं।”
राशन-एट-डोरस्टेप योजना (Ration At Doorsteep Scheme) पूर्वोत्तर दिल्ली के शाहदरा जिले के सीमापुरी क्षेत्र में शुरू होनी थी। गणतंत्र दिवस के संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा था कि इस पहल से सार्वजनिक वितरण प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव आएगा। योजना लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत डिब्बाबंद गेहूं का आटा, चावल और चीनी उपलब्ध कराने की थी।
हालांकि खाद्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव एस जगन्नाथन ने दिल्ली सरकार को एक पत्र लिखा, जिसमें कहा गया था कि GNCTD (दिल्ली सरकार) द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम खाद्यान्न के वितरण के लिए नए नामकरण / योजना के नाम का उपयोग स्वीकार्य नहीं है। यदि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम खाद्यान के तत्वों को मिलाए बिना राज्य सरकार द्वारा कोई अलग योजना बनाई जाए तो कोई आपत्ति नहीं। ”
मुख्यमंत्री ने आज कहा कि यह योजना केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही है और यही रहेगी। हम बस इसमें एक सुविधा जोड़ना चाहते हैं और बदले में कोई क्रेडिट नहीं चाहते हैं। इसलिए, हम जो भी नियम और शर्तें निर्धारित करते हैं, उनके लिए सहमत होंगे..जैसे कि वे चाहते हैं।