न्यूज़ डेस्क (नई दिल्ली): राज्यसभा ने बुधवार को विपक्ष से हंगामे के बावजूद राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2021 [Government of National Capital Territory of Delhi (Amendment) Bill, 2021] पारित कर दिया। विधेयक, जिसे आमतौर पर एनसीटी विधेयक (NCT Bill) के रूप में जाना जाता है, 22 मार्च को लोकसभा द्वारा पारित किया गया था।
यह कानून दिल्ली सरकार के लिए किसी भी कार्यकारी कार्रवाई से पहले उपराज्यपाल (L-G) की राय लेना अनिवार्य बनाता है। इसके अलावा, विधेयक यह भी स्पष्ट करता है कि दिल्ली में “सरकार” का अर्थ “उपराज्यपाल” है।
बुधवार को एनसीटी विधेयक पर बहस के दौरान राज्यसभा की कार्यवाही को बार-बार स्थगित किया गया क्योंकि विपक्षी सदस्यों ने सदन के well में कूदे और विधेयक के विरोध में नारे लगाए।
विपक्ष के नेता और कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि प्रस्तावित कानून “असंवैधानिक” है और मांग की कि इसे जांच के लिए एक चयन समिति को भेजा जाना चाहिए।
बिल का विरोध करते हुए आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद संजय सिंह ने कहा कि केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार ये विधेयक इसलिए ले कर आई है क्योंकि पार्टी दो बार दिल्ली विधानसभा चुनाव हार चुकी थी। उन्होंने कहा कि विधेयक का विरोध करके वह दिल्ली के दो करोड़ लोगों के लिए “न्याय” मांग रहे थे।