न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): लगभग 533 मिलियन फेसबुक यूजर्स (Facebook Users) के अकाउंट में सेंधमारी करके उनके मोबाइल नबंर और पर्सनल डेटा को बीते शनिवार (3 अप्रैल) को मुफ़्त में सार्वजनिक कर दिया गया। सार्वजनिक किये गये आंकड़ों में बड़ी तादाद में भारतीय यूजर्स के भी डेटा शामिल है। इस ऑनलाइन सेंधमारी का असर करीब 106 देशों के फेसबुक यूजर्स पर पड़ा।
जानकारी के मुताबिक 32 मिलियन से ज़्यादा अमेरिकी फेसबुक यूजर्स, 6 मिलियन इंडियन फेसबुक यूजर्स और 11 मिलियन यूके फेसबुक यूजर्स का फोन नंबर, फेसबुक आईडी, पूरा नाम, स्थान और जन्मतिथि अब पूरी तरह सार्वजनिक हो चुकी है। कुछ मामलों में तो यूजर्स के बेहद निजी जानकारियां और ईमेल आईडी को भी लीक किया गया है।
इस मामले पर फेसबुक प्रवक्ता ने कहा कि सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक में इतनी बड़ी सेंधमारी का कारण साल 2019 में हुआ एक पैच था। जिसके तहत कई कारणों से डेटा को स्क्रैप किया गया था। तकनीकी जानकारों के मुताबिक लीक हुआ कुछ साल पुराना हो सकता है लेकिन ये मुमकिन है कि, ये डेटा साइबर क्रिमिनल्स को बेशकीमती जानकारी मुहैया करा सकेगा। जिससे वो लोगों के साथ बेहद आसानी से धोखाधड़ी करके ठगी कर पायेगें।
एथिकल हैकर्स की एक टीम ने दावा किया कि बीते शनिवार से पहले ही इस कवायद को काफी सिलसिलेवार ढ़ंग से अंज़ाम दिया गया। जिसके लिए काफी एडवांस किस्म के एआई टूल और बेहद किस्म की उन्नत एल्गोरिथम्स का इस्तेमाल किया गया। इस ऑनलाइन सेंधमारी का सीधा असर भारतीय यूजर्स पर पड़ने की उम्मीद है।
माना जा रहा है कि, इतनी बड़ी तादाद में जिस तरह से यूजर्स के पर्सनल मोबाइल नंबर समेत जानकारियां लीक कर सार्वजनिक की गयी है, उसका पुख़्ता तौर पर इस्तेमाल धोखाधड़ी, फिशिंग, जालसाज़ी और ठगी के लिए होगा। गलत और अपराधिक किस्म के लोग इसका इस्तेमाल करके सामाजिक सौहार्द भी बिगाड़ सकते है।