न्यूज़ डेस्क ( नई दिल्ली): भारत में रविवार को COVID-19 के दैनिक मामले 1 लाख का आंकड़ा पार कर गये। आखिरी बार सबसे ज्यादा मामले पिछले साल 16 सितंबर को देखे गये थे, जब एक दिन में 97,894 सकारात्मक मामले सामने आए थे। इसके बाद संख्या घटने लगी थी और गिरावट पांच महीने तक जारी रही, जिसे “दूसरी लहर” कहा गया।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते दिन देश में वर्तमान कोरोनोवायरस स्थिति पर एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की थी। इस उच्च स्तरीय बैठक के दौरान, पीएम मोदी ने निर्देश दिया था कि सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों से युक्त केंद्रीय टीमों को महाराष्ट्र, पंजाब और छत्तीसगढ़ भेजा जाए, जहां स्थिति गंभीर चिंता का विषय है, और कहा कि पांच स्तरीय रणनीति के तहत यदि परीक्षण (testing), अनुरेखण (tracing), उपचार (treatment) COVID-19 उचित व्यवहार (COVID-19 appropriate behavior) और टीकाकरण (vaccination) अगर पूरी गंभीरता और प्रतिबद्धता के साथ लागू किया गया तो प्रभावी होगा।
वरिष्ठ अधिकारियों के साथ प्रधानमंत्री की समीक्षा बैठक के बाद जारी बयान में कहा गये कि मामलों में तेज वृद्धि के कारणों को मुख्य रूप से COVID-19 उचित व्यवहार के अनुपालन में गंभीर गिरावट के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है जिसमें विशेष रूप से मास्क (masks) और सामाजिक दूरी (social distancing) और क्षेत्र स्तर पर रोकथाम उपायों के प्रभावी कार्यान्वयन की कमी मुख्य कारण है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों में कहा गया है कि शनिवार को भारत में कोरोनावायरस (coronavirus) के 93,249 नए देखे गये थे जिसके बाद COVID-19 के कुल मामलों का आंकड़ा 1,24,85,509 तक पहुँच गया। महाराष्ट्र में, प्रति दिन नए मामलों की कुल संख्या 47,913 को छू रहे है जो पहले के मुकाबले दोगुना है।
बयान में कहा गया है कि पंजाब में इस अवधि के दौरान देश में कुल मामलों के 4.5 प्रतिशत मामले सामने आये है लेकिन कुल मौतों का 16.3 प्रतिशत भी राज्य में देखने को मिला है।
इसी प्रकार, यद्यपि छत्तीसगढ़ ने पिछले 14 दिनों में राष्ट्रव्यापी कुल मामलों में 4.3 प्रतिशत का योगदान दिया है, लेकिन कुल मौतों में इसका योगदान इसी अवधि के दौरान सात प्रतिशत से अधिक रहा है।