न्यूज डेस्क (प्रियंवदा गोप): बैकों के लिये गये लोन पर आपकी ईएमआई दरें पहले की तरह बरकरार रहेगी। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने अपनी मौद्रिक नीति की कारण में कोई बदलाव नहीं किया गया है। ये पहले की तरह 4 फीसदी पर कायम रहेगी। कई आर्थिक विशेषज्ञों द्वारा आंशका जतायी जा रही थी कि कोरोना महामारी के कारण देश की आर्थिक रफ्तार सुस्त पड़ रही है। इस वज़ह से भारतीय अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने के लिये रिवर्स रेपो रेट अब भी 3.35 रखा गया है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने घोषणा करते हुए बताया कि 2021-22 के लिए वास्तविक जीडीपी विकास का अनुमान 10.5 फीसदी पर बरकरार है। कोरोना महामारी में आये हालिया उछाल से कुछ राज्य सरकारों लगाये गये कड़े प्रतिबंधों के बीच घरेलू विकास को लेकर अनिश्चिंतता का माहौल (An atmosphere of uncertainty) बना हुआ है। भारतीय रिज़र्व बैंक ने महामारी के कारण अर्थव्यवस्था को पहुंचे नुकसान की भरपाई के लिये मार्च 2020 के दौरान कुल 115 आधार अंकों (बीपीएस) की रेपो दर को घटा दिया। आरबीआई साल 2019 की शुरूआत से लेकर अब तक 135 बीपीएस मूल्य दर में कटौती कर चुका है।
गौरतलब है कि मौजूदा हालातों में कई राज्यों में कोविड संक्रमण के उभर को देखते हुए स्थानीय लॉकडाउन लगा दिया गया है। जिसकी वज़ह से अभी की आर्थिक स्थितियों में भारी अनिश्चितता पसरी हुई है। बता दे कि रेपो रेट वो दर है, जिस पर RBI जरूरत पड़ने पर वाणिज्यिक बैंकों को धन उधार देता है। केन्द्रीय बैंक इसका इस्तेमाल मुद्रास्फीति (Inflation) को नियंत्रित करने के लिए करता है। रिवर्स रेपो रेट वो दर है, जिस पर RBI बैंकों से उधार लेता है।