अगर ऐसा हुआ तो धरती खत्म हो जायेगी

बैंगलुरू (वि.सं.): ऑस्ट्रेलियन न्यूज़ चैनल 9 न्यूज़ (Australian News Channel 9 News) के हवाले से एक बहुत ही डरावनी खब़र सामने आ रही है। खब़र के मुताबिक 1998 OR2 नामक क्षुद्रग्रह (Asteroid)  29 अप्रैल के आस-पास पृथ्वी की बाहरी कक्षा के पास निकलेगा। नासा (NASA) की Jet Propulsion Lab की गणनाओं और आंकड़ों के मुताबिक जिस दिशा (direction) कक्षा (orbit) और गति (momentum) फिलहाल अभी 1998 OR2 की है, उसके मुताबिक धरती से उसकी टक्कर होना लगभग ना के बराबर है। अगर उसकी निर्धारित दिशा, कक्षा और गति में रत्ती भर बदलाव आता है तो धरती से टक्कर होने जैसी बड़ी खगोलीय घटना (Astronomical event) घट सकती है।

52768 (1998 OR2) को पहली बार NASA ने साल 1998 के दौरान Track किया था। तब से ही वैज्ञानिकों ने इस नज़रें बनायी रखी है। हालिया वैज्ञानिक गणनाओं (Scientific Calculation) के अनुसार ये 31,000 किमी/घंटा के रफ्तार से धरती की भीतरी कक्षा से 6.2 मिलियन किलोमीटर की दूरी से गुजरेगा। इस खगोलीय घटना की संभावित तारीख 29 अप्रैल 8 बजकर 56 मिनट बतायी जा रही है। नासा के सेंटर फॉर नियर अर्थ ऑब्जेक्ट स्टडीज (NASA’s Center for Near Earth Object Studies) के कई बड़े विशेषज्ञ और खगोल-भौतिकी (Astrophysics) वैज्ञानिक की एक बड़ी टीम लगातार Asteroid Tracking और Monitoring के काम में लगी हुई है।

इस काम के लिए नासा Sentry System का इस्तेमाल करती है। जो कि जटिल Algorithms का बनाया हुआ Automated System है। इसके द्वारा किसी क्षुद्रग्रह की पृथ्वी से टक्कर होने की संभावनाओं को आंका जाता है। साथ ही ये 100 सालों के लिए होने वाली संभावित टक्करों और उनके प्रभावों से जुड़ी सूची भी तैयार करता है। इन्हीं मापदंड़ों के आधार पर खगोल-भौतिकी वैज्ञानिक (Astrophysicist) Asteroid का classification किया जाता है।

ये आने वाले दो महीनों में धरती के करीब से निकलने वाला सबसे बड़ा Asteroid होगा। इससे पहले सितम्बर 2017 के दौरान Asteroid 3122 फ्लोरेंस (1981 ईटी 3) धरती के काफी करीब से निकला था। 1998 OR2 इस साल सितम्बर के बाद फिर से 2 सितंबर 2057 में पृथ्वी के करीब से गुजरेगा। इसकी चौड़ाई चार से नौ किलोमीटर के बीच बतायी जा रही है। फिलहाल नासा OSIRIS-Rex कार्यक्रम और जापान Hayabusa2 कार्यक्रम के माध्यम से Asteroid के सैम्पल धरती पर लाने की जुगत में है। इसके अलावा इन कामों के लिए उत्तर-मध्य चिली में Cerro Pachón observatory भी बनायी गयी है।

Leave a comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More