न्यूज डेस्क (गंधर्विका वत्स): आगामी त्रिस्तरीय पंचायती चुनावों (UP Panchyat Chunav 2021) को देखते हुए अंबेडकरनगर के एसपी आलोक प्रियदर्शी और जिलाधिकारी सैमुअल पॉल एन खुद चुनावी तैयारियों और कानून व्यवस्था का जायज ले रहे है, बावजूद इसके मौजूदा हालात काफी गंभीर बनते नज़र आ रहे है। जिले में करीब 3 दर्जन से चुनावी बूथ काफी संवेदनशील है। जहां जिला प्रशासन और पुलिस की पेशेवर कारगर काबिलियत का असली इंतिहान हो सकता है।
इस फेहरिस्त में राजेसुल्तानपुर, आलापुर और जहांगीरगंज पंचायत चुनाव क्षेत्र आते हैं। जहां शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव संपन्न कराना जिला पुलिस के लिए कड़ी चुनौती साबित होगा। हाल ही के दिनों में राजेसुल्तानपुर पंचायती चुनावों के मद्देनज़र कई अपराधिक वारदातें हो चुकी है। खूनी झड़पे, मारपीट, धमकी और बाहुबली नेता इस इलाके की नियति रहे है। राजेसुल्तानपुर थाना क्षेत्र (Rajesultanpur Police Station Area) अम्बेडकर नगर जिले के आखिरी छोर पर है, इसलिए भी ये काफी संवेदनशील माना जाता है।
पुलिस लगातार ऐसी संवेदनशील पंचायती चुनाव सीटें चिन्हित कर रही है। जहां पर संभावित तौर पर बड़ी वारदात हो सकती है। इसी क्रम में आलापुर सर्किल के तहत राजेसुल्तानपुर में 14 चुनावी बूथ, जहांगीरगंज में 11 चुनावी बूथ और आलापुर में 10 चुनावी बूथ अतिसंवेदनशील कैटेगिरी में रखे गये हैं। जिसकी मॉनिटरिंग पुलिस लगातार कर रही है।
जगदीशपुर कादीपुर गांव में साफ दिखा रहा चुनावी तनाव
राजेसुल्तानपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत कादीपुर-जगदीशपुर (बड़की कादीपुर) गांव में सबसे ज्यादा और खुलकर चुनावी तनाव सामने आ रहा है। यहां पर प्रधानी पद के लिए चुनावी मैदान में उतरे दोनों प्रत्याशियों के बीच पुरानी रंजिश है। जिसके तहत माना जा रहा है कि यहां पुख्ता तौर पर संभावित खूनी झड़प (Potential bloody skirmish) हो सकती है। इसीलिए पुलिस और प्रशासन इस इलाके की खास निगरानी बरत रहा है।
साल 2010 के दौरान पूर्व प्रधान अमरजीत यादव को रास्ते विवाद के चलते दूसरे पक्ष ने गोली मार दी थी। जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच खुली अदावत चली आ रही है। कई मौकों पर दोनों पक्षों का हिंसक झड़पों में आमना सामना हो चुका है। ऐसे में अब दोनों तरफ के लोग चुनावी मैदान में एक दूसरे के सामने ताल ठोंकते दिखेंगे। ऐसे में माना जा रहा है कि चुनावी प्रचार के दौरान दोनों तरफ के लोगों के बीच हिंसक विवाद हो सकता है। स्थानीय सूत्रों के मुताबिक दोनों ही तरफ के लोग कई मामलों में न्यायिक सुनवाई का सामना तक कर चुके है। जिनमें आर्म्स एक्ट और बलवा के तहत लगी धाराओं के दीवानी मामले तक शामिल है।
कुछ इसी तरह का चुनावी तनाव से भरा माहौल महारमपुर, असनारा, बनकटा बुर्जुग, लखनडीह, फुलवरिया और मल्लूपुर मजगंवा में भी देखा जा रहा है। जहां प्रत्याशियों के बीच खासा तनाव है। चुनावी रंजिश के चलते मल्लूपुर मजगंवा में दो भाईयों की हत्या चुनावी प्रक्रिया शुरू होने से पहले हो चुकी है। इन इलाकों में स्थानीय पुलिस थाने लगातार लोगों के सम्पर्क में बने हुए है ताकि कानून-व्यवस्था को कायम रखा जाये, साथ ही पुलिसिया पहल पर आपसी समझौते करने की कवायदों में रफ्तार देखी जा रही है। संवेदनशील चुनावी सीटों से पुलिस की तैनाती और मुस्तैदी बनाये रखने के लिए बैरिकैटिंग और पेट्रोलिंग को बढ़ाया गया है। खासतौर से जिले के उन इलाकों में जो कि दूसरे जिलों के सीमा से लगते है।