न्यूज डेस्क (विश्वरूप प्रियदर्शी): महाराष्ट्र (Maharashtra) के कोल्हापुर से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. जहां एक महिला वर्जिनिटी टेस्ट में फेल हो गई और उसके बाद जारी हुआ पंचायत का फरमान। पंचायत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि पीड़िता और उसकी बहन को तलाक लेने की तकरीर जारी कर दी। मामला सामने आने पर पुलिस ने दोनों महिलाओं के पतियों, ससुराल पक्ष और पंचायत सदस्यों समेत कुल 8 लोगों के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी।
कोल्हापुर की रहने वाली दोनों बहनों की शादी कर्नाटक के बेलगाम में एक ही परिवार के दो भाइयों से बीते साल नवंबर महीने में हुई थी। एक बहन का पति भारतीय सेना में तो दूसरी बहन का पति प्राइवेट फर्म में काम करता है। दोनों बहनें महाराष्ट्र के कंजरभात समुदाय से संबंध रखती हैं। समुदाय की स्थापित परंपराओं के आधार पर दोनों बहनों का रिश्ता तय हुआ। शादी के बाद ससुराल पक्ष के लोगों ने दोनों बहनों का वर्जिनिटी टेस्ट (Virginity test) कराया। जिसके तहत सुहागरात से पहले दोनों बहनों को बिस्तरें पर बिछाने के लिये सफेद चादर दी गयी। माना जाता है कि सेक्स करने के बाद अगर चादर पर ब्लड आ जाता है तो टेस्ट में पास माना जाता है, लेकिन इनमें से एक बहन का ब्लड नहीं निकला। ऐसे में वो फेल हो गई और दूसरी बहन पास।
वर्जिनिटी टेस्ट में फेल होने वाली बहन पर उसके ससुराल पक्ष के लोगों ने उसे गैर मर्द से जिस्मानी तालुक्कात रखने के इल्जाम लगाये। पीड़िता के बयानों के मुताबिक उसके पति और ससुराल वालों ने उससे ज़बरन घर बनवाने के लिये दस लाख रुपये मांगे और कहा कि अगर उन्हें पैसे नहीं मिलेंगे तो वो दोनों बहनों के साथ कोई रिश्ता नाता नहीं रखेंगे। इसके अलावा पीड़िता ने आरोप लगाया कि, ससुराल वाले उसका और उसकी बहन का जमकर उत्पीड़न (Harassment) करते थे। ससुराल वाले लगातार दोनों को वापस अपने मायके जाने का दबाव बनाते थे। आखिरकर दोनों बहनें वापस अपने मायके कोल्हापुर चली आयी।
दोनों पीड़िताओं बहनों की मां ने मदद के लिए जात पंचायत में दरख्वास्त लगायी, लेकिन जात पंचायत ने पीड़िताओं का पक्ष सुनने की बजाय उनकी मां से चालीस हज़ार की मांग कर दी। इसी फरवरी महीने के दौरान जात पंचायत को चालीस हज़ार रूपये दे दिये गये। इसके बाद जात पंचायत ने शादी को खत्म करने का फैसला फरमान जारी किया और कहा कि दोनों पीड़िताओं को तलाक लेना होगा, साथ ही जो बहन वर्जिनिटी टेस्ट में फेल हो गयी उसका बहिष्कार पूरा कंजरभात समाज करेगा।
पंचायत के इस फैसले से परेशान होकर पीड़ित परिवार ने एक गैर सरकारी संस्था से संपर्क कर मदद की गुहार लगायी जिसके बाद एनजीओ के हस्तक्षेप पर पुलिस ने मामला दर्ज किया। बीते 8 अप्रैल को पुलिस ने इंडियन पीनल कोड और महाराष्ट्र प्रोहिबिशन ऑफ पीपल फ्रॉम सोशल बॉयकोट अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की।