न्यूज डेस्क (यर्थाथ गोस्वामी): वांसतीय नवरात्रे/ चैत्र नवरात्र (Navratri 2021) काफी शक्तिशाली है। इस महामाई दुर्गा की समस्त ऊर्जायें भू-लोक पर काफी तेजी से प्रवाहित होती है। जिसका इस्तेमाल कर साधक,उपासक और जातक मनोवांछित फलों की प्राप्ति कर सकते है। माँ की ऊर्जाओं का सौम्य, रौद्र और मध्यम रूप सभी उच्च स्तर पर सक्रिय होता है। कई शक्ति पीठों जैसे पीतांबरा पीठ, भुवनेश्वरी देवी पीठ और कामाख्या देवी में इन नवरात्रों की विशेष मान्यता होती है तंत्र सिद्धि के लिये।
माँ दुर्गा के नौ रूपों के अलावा छिन्नमस्ता, त्रिपुर सुंदरी, महाकाली, तारा, भुवनेश्वरी, षोडषी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी, और कमला को भी साधक प्रसन्न करते है, इन साधना अचूक फलदायी (Sure fruitful) है। नव दुर्गा और दस महाविद्याओं की शक्ति इन नवरात्रों को दैवीय ऊर्जाओं से परिपूर्ण करती है। ऐसे में इस दौरान किये गये टोटकों का फल प्रभावहीन नहीं रहता। इन दिनों में खास ध्यान रखना चाहिये कि गुड़हल के फूलों को खासतौर से नहीं तोड़ना चाहिये, ऐसा माना जाता है इन दिनों में महामाई का उसमें वास रहता है।
नवरात्रों पर किये जाने वाले शक्तिशाली टोटके
- इस टोटके का इस्तेमाल गृह क्लेश दूर करने के लिए किया जाता है। जिन घरों रोजाना लड़ाई-झगड़े, मारपीट और गाली गलौज होता हो। वहां शांति के लिए जातक को स्नानादि नित्य क्रिया से निवृत्ति हो, माँ की प्रतिमा सामने वेदी बनाकर उसमें शुद्ध देसी गाय के घी के आहूतियां 108 बार इस मंत्र के साथ दे, ‘सब नर करहिं परस्पर प्रीति। चलहिं स्वधर्म निरत श्रुति नीति’
- घर परिवार में एकता, भाईचारा और सौहार्द भाव बढ़ाने के लिए नवरात्रों को नौ दिनों लगातार अग्निवेदी में 21 बार गाय के देसी घी की आहूतियां देकर, इस मंत्र का जाप करे ‘सब नर करहिं परस्पर प्रीति। चलहिं स्वधर्म निरत श्रुति नीति’ टोटके की इस क्रिया से पारिवारिक स्नेह में काफी इज़ाफा होता है।
- व्यवसायिक या फिर कारोबारी जीवन में पैसों की समस्या से जूझना पड़ रहा हो। पैसा ज़्यादा समय तक आपके पास ना रूकता हो या खर्चें ज्यादा बचत कम हो रही हो तो इन समस्यायों के समाधान के लिये अष्टमी या नवमी नवरात्रे पर नित्य क्रिया और स्नानादि से निवृति होकर माँ की छवि या प्रतिमा के सामने पद्मासन मुद्रा में बैठ जाये। लाल चावलों की ढेरी पर श्रीयंत्र स्थापित करें। नौ दीये जलाकर माँ और श्रीयंत्र की उपासना (Shriyantra worship) करें। मानस याचना करते हुए अपनी व्यथा माँ को कह सुनाये। इस बाद श्रीयंत्र को घर के मंदिर में स्थापित कर दें। पूजन में प्रयोग सामग्रियों को प्रवाह दे। स्थापित मान्यता है कि इससे आपको पास धन का स्थायी वास रहेगा।
- मनोवाछिंत फल की सिद्धि के लिये अष्टमी तिथि को गोरस (दूध, दही और घी) शहद और चीनी से शिवलिंग को स्नान कराये। भोलेनाथ का श्रृंगार करते हुए रात 10 बजे अग्नि प्रजल्लवित कर ऊं नम: शिवाय का जाप करते हुए अग्नि में घी और समिधा की आहूतियां दे। इसके बाद लगातार 40 दिनों तक प्रत्येक दिन ब्रह्म मूहूर्त में ऊं नम: शिवाय मंत्र की पांच मालाओं का जाप करें
- नौकरी संकट या फिर प्रमोशन के लिए नवरात्र के नौवें दिन उषा बेला में शयन त्याग कर, स्नानादि नित्य क्रियाओं से निवृति होकर माँ की छवि या प्रतिमा पीतांबरी पर पूर्व में स्थापित करें। पूजन स्थल पर स्फटिक की माला रख दे। केसर और इत्र से माँ का पूजन करें। धूप, दीप और गंध माँ को अर्पित करते हुए इस शक्तिशाली मंत्र का जाप 31 बार करे, ‘ऊं ह्लीं वाग्वादिनी भगवती मम कार्य सिद्धि कुरु कुरु फट् स्वाहा’ ठीक यहीं क्रिया 11 दिनों तक लगातार दोहरानी है। इस तरह से स्फटिक की माला अभिमंत्रित हो जायेगी। जब भी इंटरव्यूह या फिर प्रमोशन के लिये कार्यालय जाना हो तो इस स्फटिक की माला को धारण करें मनमाफिक नौकरी और प्रमोशन के संयोग बनेगें।