न्यूज डेस्क (दिगान्त बरूआ): केन्द्र सरकार के फरमानों के बाद ट्विटर (Twitter) ने अपने प्लेटफॉर्म से 50 से ज़्यादा पोस्ट हटा दिये हैं। इन ट्वीट्स में से ज़्यादातर पोस्ट कोरोना महामारी, केंद्र की तैयारियों, बेड और मेडिकल ऑक्सीजन की कमी से जुड़े हुए थे। मौजूदा चरमराती प्रशासनिक व्यवस्था और लड़खड़ाते मेडिकल ढांचे से जुड़े इन ट्विटस को प्रधानमंत्री कार्यालय से जुड़े अधिकारियों की देखरेख में हटाया गया।
हटाये गये ट्विटस में दवा की कमी, बेड, सामूहिक दाह संस्कार, और महामारी के बीच कुंभ मेले में भीड़ से जुड़े हुए कॉन्टेंट थे। ये ट्विट भारत में दिखाई नहीं देगें पर इन्हें भारत से बाहर आसानी से देखा जा सकेगा। कुछ ट्विट्स तो वेरिफाईड अकाउंट्स (Verified accounts) से हटाये गये। जिनमें कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेरा, संसद सदस्य रेवंत रेड्डी, पश्चिम बंगाल के मंत्री मोलॉय घटक, एबीपी न्यूज के संपादक पंकज झा, अभिनेता विनीत कुमार सिंह, फिल्म निर्माता अविनाश दास और फिल्म निर्माता और लेखक पूर्व पत्रकार विनोद कापरी खासतौर से शामिल है।
इस मामले से जुड़ी सभी जानकारी और केन्द्र सरकार के फरमानों को हार्वर्ड विश्वविद्यालय के बर्कमैन क्लेन सेंटर फॉर इंटरनेट एंड सोसाइटी के प्रोजेक्ट लुमेन डेटाबेस (Project lumen database) पर डाला गया है। ये प्रोजेक्ट वेब से कॉन्टेंट हटाने के अनुरोधों को इकट्ठा कर उनका विश्लेषण करता है। इस मामले से जुड़ी पहली खब़र टैक्नोलॉजी न्यूज वेबसाइट मेदियानमा पर रिपोर्ट की गई थी, जिसे पब्लिश किया गया। इससे पहले फरवरी महीने के दौरान मोदी सरकार ने ट्विटर को लगभग 1,200 अकाउंट हटाने के फरमान जारी किये थे। ये सभी अकाउंट्स नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों द्वारा जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच किसानों के नरसंहार से जुड़े हुये थे। इन ट्विटर खातों से जुड़ी सभी पोस्टों और कॉन्टेंट को हटवाया गया था।