एजेंसियां/न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने कहा, संयुक्त राज्य अमेरिका भारत को कोरोना संकट (Corona Crisis) से उबारने के लिये हरसंभव मदद करने के लिये तैयार है। उन्होनें ट्विट कर लिखा कि, पिछले साल भारत ने अमेरिकी लोगों को बेहद मदद की थी। जब अमेरिकी स्वास्थ्य प्रणाली बुरी तरह ढगमगा रही थी। यूएस में पहली COVID-19 लहर के दौरान पिछले वर्ष भारत ने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के अनुरोध के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine) की 50 मिलियन गोलियां भेजीं।
बिडेन ने ट्वीट कर लिखा कि “जब हमारी स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों पर भारी दबाव बना हुआ था, तब भारत ने संयुक्त राज्य अमेरिका को सहायता भेजी थी। अब मौजूदा हालातों में हम भारत की हर संभव जरूरत और मदद के लिये पूरी तरह दृढ़ संकल्प हैं।”
इससे पहले बीते रविवार (25 अप्रैल) को संयुक्त राज्य अमेरिका ने ऐलान किया कि, वाशिंगटन भारत को कोविशील्ड वैक्सीन के जरूरी कच्चा माल मुहैया करवायेगा। ताकि इस टीके का भारत में उत्पादन बढ़ाया जा सके। अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन (US National Security Advisor Jake Sullivan) ने भारतीय समकक्ष अजीत डोभाल के साथ इस मुद्दे पर फोन पर बात करने के बाद इसकी घोषणा की। अमेरिकी एनएसए ने भारत में संक्रमण की तेजी से बढ़ती दर पर भारतीय लोगों के लिये गहरी अमेरिकी सहानुभूति व्यक्त की।
व्हाइट हाउस ने अपने अधिकारिक बयान में कहा कि सुलिवन ने भारत के साथ अमेरिका की एकजुटता के पुख़्ता किया। दुनिया में सबसे ज्यादा संक्रमण को जोखिम अमेरिका और भारत झेल रहे है। इस बीच अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने कहा कि, अमेरिका भारत सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा है ताकि अतिरिक्त सहायता और आपूर्ति में तेजी लायी जा सके।
अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने ट्विट कर लिखा कि, खतरनाक कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच अमेरिका अतिरिक्त सहायता और आपूर्ति में तेजी लाने के लिये भारत सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा है। हम सहायता प्रदान करने के साथ भारत के लोगों के लिए प्रार्थना करते हैं – जिसमें भारतीय साहसी स्वास्थ्य कार्यकर्ता भी शामिल हैं।
पिछले कुछ दिनों के दौरान भारत में 3 लाख से ज़्यादा कोरोना संक्रमण के मामले दर्ज किये गये है। दूसरी खतरनाक संक्रमण लहर के बीच रविवार के बीते 24 घंटों के दौरान कोविड के नये 3,49,391 मामले दर्ज किये गये। इसके साथ वायरस इंफेक्शन के चलते 2,767 मौतों के पुष्टि हुई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार पांच राज्यों – महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात और केरल से पूरे देश के कुल 54 फीसदी संक्रमण के मामले सामने आ रहे है।