क्या आप Plasma donate करने की सोच रहे है? जानिये क्या करना है, और क्या नहीं

न्यूज डेस्क (दिगान्त बरूआ): देश में तेजी से उभर रहे कोरोना संकट की दूसरी लहर के बीच कई राज्य सरकारें कोरोना संक्रमण से उबर चुके लोगों से प्लाज़मा डोनेट (Plasma donate) की लगातार अपील कर रही है। ऑक्सीजन आपूर्ति संकट और नए वेरिएंट के सामने आने के बाद प्लाज़मा थेरेपी की मांग मे खासा इज़ाफा देखा जा रहा है। हाल ही में केन्द्र सरकार ने उन लोगों के लिये दिशानिर्देश जारी किए हैं, जो कोरोना इंफेक्शन से उबर चुके है। साथ ही जो स्वेच्छा से दूसरे मरीज़ों के लिये प्लाज्मा डोनेट करना चाहते हैं।

आखिर प्लाज़मा थेरेपी ही क्यूं?

प्लाज्मा थेरेपी, जिसे मोटे तौर पर ‘कायलसेंट प्लाज्मा थेरेपी’ के तौर पर जाना जाता है। ये कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज करने की एक प्रक्रिया है। इस एक्सपेरिमेंटल ट्रीटमेंट में प्लाज्मा, जो खून का पीला तरल हिस्सा होता है, उसे ऐसे शख़्स के शरीर से निकाला जाता है जो कोरोना इंफेक्शन से उबर गया हो। निकाला गया प्लाज्मा संक्रमण से जूझ रहे व्यक्ति को इंजेक्शन के जरिये लगाया जाता है। इससे उसके शरीर में काफी तेजी से कोरोना वायरस के खिलाफ मजबूत इम्युनिटी सिस्टम डेवलप होता है। गौरतलब है कि प्लाज्मा में एंटीबॉडी होते हैं, जो वायरस इंफेक्टिड मरीज़ों (Virus Infected Patients) में संक्रमण से लड़ने के लिये सुरक्षा कवच विकसित कर देता है।

आप को पता होना चाहिये क्या करना है, और क्या नहीं

1. प्लाज़मा डोनेशन वाले दिन और आपके आधार कार्ड (आगे और पीछे) की हार्ड कॉपी और बीते 4 दिनों के भीतर RT-PCR या रैपिड एंटीजन टेस्ट की करवायी गयी COVID-19 की निगेटिव रिपोर्ट।

2. कोरोना संक्रमण की पॉजिटिव रिपोर्ट आने के 14 दिनों के बाद ही प्लाज़मा डोनेट करें। अगर शख़्स में वायरस इंफेक्शन के लक्षण 14 दिन पहले उभरे हो या 14 दिन पुराना एसिम्प्टोमैटिक संक्रमण हो तो भी प्लाज़मा डोनेट किया जा सकता है।

3. वो महिलायें जो हाल में भी गर्भवती थी, और उसके बाद कोरोना संक्रमण की चपेट में आयी वो भी प्लाज़मा डोनेट नहीं कर सकती।

4. जिस शख़्स ने COVID-19 टीकाकरण हासिल किया है, टीकाकरण की तारीख से 28 दिनों तक वो प्लाज्मा दान नहीं कर सकेगा।

5. अगर किसी शख्स के शरीर में जरूरी एंटीबॉडी की कमी हो तो वो भी प्लाज़मा डोनेट नहीं कर सकता।

6. किसी भी अन्य जानकारी के लिए अस्पताल के अधिकारियों से फोन पर संपर्क करें।

प्लाज़मा डोनेशन से जुड़ी ज्यादा जानिकारयां इन वेबसाइट्स से हासिल करें

प्लाज़मा डोनर्स का डिजिटल डेटा बैंक

इस बीच दिल्ली पुलिस ने प्लाज़मा डोनर्स की सहूलियत को देखते हुए डोनर्स और जरूरतमंद प्राप्तकर्ता को जोड़ने के प्रयास में एक डिजिटल डेटा बैंक स्थापित बनाया है। ये प्लाज़मा दान देने वाले और जरूरतमंदों के बीच जोड़ने का काम करेगा। इस मकसद को पूरा करने के लिये Online जीवन रक्षक नाम से एक ऑनलाइन Google फॉर्म तैयार किया गया है। जिन लोगों को प्लाज़मा की दरकार है वो यहां अपना अनुरोध दर्ज करवा सकेगें। इसका लिंक दिल्ली पुलिस की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है।

दिल्ली पुलिस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि संभावित प्लाज़मा डोनर्स को नाम, आयु, लिंग, वैवाहिक स्थिति, पहले से चल रही बीमारियों का विवरण, संपर्क, स्थान, रक्त समूह, COVID-19 से उबरने की तिथि, सोशल मीडिया हैंडल जैसी जानकारियां मुहैया करवानी होगी। प्लाज्मा चाहने वालों के लिये तैयार फॉर्म में रोगी का नाम, आयु, लिंग, रोगी का मोबाइल नंबर, तीमारदार का नाम, अस्पताल का नाम, अस्पताल की रोगी आईडी, अस्पताल की जगह, ब्लड़ ग्रुप और मेडिकल प्रिस्क्रिप्शन की दरकार होगी।

इस डेटा को सेन्ट्रलाइज़ तरीके (Centralized Manner) से तैयार किया गया है। इस कवायद में प्लाज्मा प्राप्तकर्ताओं की रिक्वेस्ट को पहले वेरिफाई किया जायेगा। जिसके लिये खास टीम की तैनाती कर दी गयी है। जो कि उपयुक्त डोनर की उपलब्धता, प्राप्तकर्ता और दाता के बीच जानकारियां साझा करेगी। इसकी मदद से प्लाज़मा हासिल करने वालों की वक़्त रहते बड़ी मदद और भारी राहत मिलेगी। आसानी से प्लाज्मा थेरेपी होने के साथ लोगों की बेशकीमती ज़िन्दगी बचाने में कुछ हद तक कामयाबी मिलेगी।

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