न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा कक्षा 10 बोर्ड परीक्षा रद्द कर दी गई है। इसके साथ ही छात्रों को विशेष मानदंड के आधार पर अगली कक्षा में प्रमोट किया जायेगा। जैसा कि सीबीएसई बोर्ड ने इस फैसले का ऐलान किया। इसके साथ ही बोर्ड ने छात्रों को नंबर देने के मसले पर कई सवाल छोड़ दिये है। अब सीबीएसई कक्षा 10 के छात्र ये जानना चाहते हैं कि, उन्हें कैसे प्रमोट किया जायेगा और उन्हें नंबर देने के लिए बोर्ड उनका एसेसमेंट किन आधारों पर करेगा।
इस बीच सीबीएसई ने दावा किया कि उनका मकसद मानदंडों को सही तरीके से लागू कर नंबर देना होगा। जिसकी बुनियाद सटीक कसौटी पर आधारित होगी। इस मसले पर अभी तक बोर्ड ने कोई भी पुख़्ता जानकारी साझा नहीं की है। हालांकि केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल (Union Education Minister Ramesh Pokhriyal) ने कहा कि, कक्षा 10 के छात्रों “आंतरिक मूल्यांकन” के आधार पर पास किया जायेगा। कोई भी विद्यार्थी जो आबंटित नंबरों से नाखुश होगा, उसे बाद में परीक्षा में बैठने का मौका दिया जायेगा।
साल 2020 में महामारी के दौरान सीबीएसई बोर्ड के कुछ पेपर आयोजित किये थे और कईयों को रद्द करना पड़ा था। उस दौरान परीक्षा में बैठे विद्यार्थियों को नंबर देने के लिये एक समान पैटर्न के नियम का पालन किया गया था। जिन छात्रों ने तीन या उससे ज़्यादा पेपर दिये थे, उन्हें उन तीन विषयों में हासिल नंबरों की औसत के आधार पर बाकी बचे अन्य विषयों में नंबर दे दिये गये थे। ठीक इसी तर्ज पर जो छात्र दो परीक्षाओं में शामिल हुये थे, उनके लिये दोनों परीक्षाओं में मिले उच्चतम स्कोरिंग मार्क्स (Highest scoring marks) की बुनियाद पर औसत निकालकर उन सब्जैक्ट्स में नंबर दिये गये। जिन परीक्षाओं को स्थगित कर दिया गया।
ऐसे छात्रों ने एक्ज़ाम रिजल्ट का आकलन आंतरिक या व्यावहारिक या परियोजना-आधारित मूल्यांकन के आधार पर किया गया। खासकर उन लोगों के लिये जो दो से कम पेपरों में बैठे थे। माना जा रहा है कि इस बार की बोर्ड परीक्षाओं के नंबर इंटरनल एसेसमेंट के आधार पर दिये जायेगें। जिसके लिये परियोजना-आधारित मूल्यांकन प्रणाली को आधार बनाया जा सकता है।