एजेंसियां/न्यूज डेस्क (समरजीत अधिकारी): संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत ने म्यांमार में सैन्य तानाशाही (Military dictatorship in myanmar) पर गहरी चिंता जाहिर करते हुए नजरबंद और हिरासत में लिये गये लोकतंत्र समर्थक नेताओं और अन्य राजनीतिक बंदियों की रिहाई की मांग जोर-शोर से उठायी। बीते शुक्रवार (30 अप्रैल 2021) के दौरान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में म्यांमार में सैन्य तानाशाही के मुद्दे पर सदस्य देशों की बैठक हुई। इस उच्च स्तरीय बैठक के दौरान संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने दक्षिणी पूर्व एशियाई देशों के संगठन आसियान के 5 बिंदुओं की अनुशंसा की और कहा कि, जो फैसले लिये गये हैं उनका खुले दिल से स्वागत करना चाहिये। आसियान देशों के संगठन में एकदम जायज़ बातें पुख़्ता बुनियाद पर रखी है।
टी एस तिरुमूर्ति ने आगे कहा कि, भारत आसियान के कोशिशों और कवायदों को मजबूती देना चाहता है। हम चाहते हैं कि सैन्य तानाशाह द्वारा हिरासत में लिये गये सभी राजनीतिक बंदियों की रिहाई तुरंत की जाये। भारत म्यांमार में हमेशा से ही लोकतंत्र का पैरोकार (Advocates of democracy) रहा है। गौरतलब है कि बीती 1 फरवरी म्यांमार की सेना ने तख्तापलट करते हुए आंग सांग सू ची समेत चुनी हुई सरकार के कई दिग्गज़ नेताओं को कैद कर लिया। इस दौरान चार हज़ार से भी ज्यादा राजनीतिक लोगों को सेना ने ज़बरन नज़रबंद कर दिया।
हाल ही में कुछ दिन पहले आसियान देशों की म्यांमार के सेना प्रमुख की उपस्थिति में बैठक हुई थी। जिसमें आसियान देशों ने म्यांमार हिंसा बंद करने, राजनीतिक जम्हूरियत पसंद शख़्सियतों की रिहाई, सभी पक्षों के साथ सार्थक वार्ता (Meaningful dialogue) कर न्यूनतम समझौता कार्यक्रम तय करने जैसे पांच बिंदुओं पर दोनों पक्षों की सहमति बनी थी। टीएस त्रिमूर्ति ने सुरक्षा परिषद में म्यांमार के मुद्दे पर भारत का आधिकारिक पक्ष रखा। जिसे उन्होंने ट्विटर पर भी ट्वीट कर साझा किया।