एजेंसियां/न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): दुनिया को कोरोनावायरस की आग में झोंकने वाले चीन (China) से एक और बड़ी तबाही पूरे विश्व पर मंडराती हुई दिख रही है। इस बार यूरोपियन देशों (European countries) समेत दुनिया के कई देश सकते में है। जिसके लिये विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। अमेरिका से अंतरिक्ष राष्ट्रवाद की होड़ में आगे निकलने के लिये चीन ने अपने सभी संसाधन अंधाधुंध झोंक रखे हैं। इसी क्रम में बीजिंग द्वारा छोड़ा गया, एक अंतरिक्ष रॉकेट उनके नियंत्रण से बाहर हो गया है। 21 टन वजनी रॉकेट अब तेजी से पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है। अगर ये किसी रिहायशी इलाके या मार्केट में गिरता है तो भारी तबाही मचा सकता है। जिसे देखते हुये दुनिया के कई बड़े उच्च तकनीक वाले देशों ने इस बेकाबू रॉकेट की ट्रैजक्ट्री को ट्रैक करना शुरू कर दिया है।
अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन के मुताबिक यह चीन का 5बी लॉन्ग मार्च रॉकेट है। माना जा रहा है कि 8 मई के आसपास में पृथ्वी के वायुमंडल में घुस सकता है। जिसके लिए यूनाइटेड स्टेट स्पेस कमांड (United state space command) इसे ट्रैक करने की कोशिश कर रही है, ताकि संभावित जोखिम और खतरों को टाला जा सके। जानकारों के मुताबिक फिलहाल ये सटीक अनुमान लगाना बेहद मुश्किल है कि, ये पृथ्वी में कहां और कब गिरेगा ड्रैगन ने बीते 29 अप्रैल को ये रॉकेट को लांच किया था, पर जैसे ही पृथ्वी की कक्षा से बाहर निकलकर अंतरिक्ष में गया तो ये चीनी वैत्रानिकों के काबू से बाहर हो गया। रॉकेट अपने साथ एक मॉड्यूल लेकर रवाना हुआ था। जिसे अंतरिक्ष की तयशुदा कक्षा में स्थापित कर वापस धरती की ओर आना था। ऑपरेशन का आधा अंज़ाम देकर ये काबू से बाहर हो गया।
ट्रैक करने वाले अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के मुताबिक इसकी गति और ऊंचाई में लगातार परिवर्तन आ रहा है। ऐसे में ये आकलन लगाना कि ये कब, कहां और किस दिन गिरेगा काफी मुश्किल होता जा रहा हैय़ मोटे अनुमान के मुताबिक ये पृथ्वी के वायुमंडल में 8 मई के आसपास दाखिल होगा। जैसे ही इसकी सतह पृथ्वी के वायुमंडल को छुयेगी रॉकेट का आधे से ज्यादा हिस्सा घर्षण के कारण जलकर खाक हो जायेगा, लेकिन अगर एक छोटा हिस्सा भी किसी आबादी वाले इलाके में गिरता है तो भारी तबाही मच सकती है। फिलहाल ये 18000 मील प्रति घंटे की रफ्तार से पृथ्वी की ओर आगे बढ़ रहा है। अनुमान के मुताबिक बेकाबू रॉकेट प्रशांत महासागर, न्यूयॉर्क, मैड्रिड, बीजिंग, चिल्ली और दक्षिण न्यूजीलैंड में कहीं भी गिर सकता है। जिसे देखते हुए दुनिया के कई देश हाई अलर्ट पर है। कई मुल्कों ने अपनी वायुसेना, रडार सिस्टम और एयर डिफेंस सिस्टम को अतिरिक्त मुस्तैदी बरतने के फरमान जारी कर दिये है।