न्यूज डेस्क (विश्वरूप प्रियदर्शी): भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज (5 मई 2021) कहा कि, केंद्रीय बैंक उभरते हुए COVID-19 के हालातों की निगरानी करता रहेगा। नागरिकों, व्यापारिक संस्थाओं और साथ ही वायरस इंफेक्शन दूसरी लहर से प्रभावित अन्य संस्थानों के लिये भी अपने संसाधनों का इस्तेमाल कर मदद मुहैया करवायेगा। उन्होनें कहा कि, आरबीआई व्यापक रूप से आर्थिक और वित्तीय स्थितियों पर COVID-19 की दूसरी लहर के असर पर बारीकी से निगरानी करेगा। सीपीआई मुद्रास्फीति (CPI Inflation) फरवरी में 5.0 प्रतिशत से 21 मार्च को 5.5 प्रतिशत हो गयी। जिसका सीधा असर खानपीने की चीज़ों और फ्यूल पर पड़ा। पिछले साल के मुकाबले इस साल सकल मांग पर प्रभाव मध्यम दर्जें पर बने रहने की उम्मीद है।
उन्होनें आगे कहा कि देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर उफ़ान पर है। रोजाना इंफेक्शन के मामलों में कई गुना इज़ाफा देखा जा रहा है। कई दिनों से 3 लाख से ज़्यादा संक्रमण के मामले दर्ज किये जा रहे है। रोजाना 3000 से ज़्यादा मौतें हो रही हैं। इस तरह महामारी देश के स्वास्थ्य देखभाल के बुनियादी ढांचे के साथ-साथ अर्थव्यवस्था को भी बुरी तरह प्रभावित कर रहा है। स्थानीयकृत और लक्षित रोकथाम के उपायों को व्यवसायों और घरों के अनुकूल बनाकर अर्थव्यवस्था में जान फूंकी जा सकती।
फ्रंटलाइन वर्करों के सराहना करते हुए उन्होनें कहा कि, मेडिकल देखभाल करने वाले पैरामेडिकल स्टाफ, एन्फोर्समेंट एजेंसियों और दूसरे फ्रंटलाइन वर्करों ने इस दौरान बेहतरीन काम किया। ऐसे लोगों का सलाम। संक्रमण पर काबू पाने के लिये ये लोग स्वेच्छा से वायरस से जूझ रहे है। आज भारत संक्रमण से बुरी तरह जूझ रहा है। बेरहम मृत्यु दर लगातार बढ़ रही है। इसके साथ ही हालात सामान्य होने तक लोगों पर रोजी रोटी का भी संकट मंडरा रहा है। ऑक्सीजन, ट्रांसपोर्टेशन सैक्टर, वैक्सीन इम्पोर्ट और कोविड के खिलाफ दवा निर्माताओं को फौरी तौर पर आरबीआई 50,000 करोड़ रूपये का प्राथमिकता आधारित लोन मुहैया करवायेगा। इसी के साथ हमने बैकों को वीडियो केवाईसी (Video KYC) और फेस टू फेस डॉक्यूमेंट वेरिफिशेन के लिये फरमान जारी किया।
इसके साथ ही आरबीआई गर्वनर ने बैकों से कोविड लोन बुक बनाने, प्राथमिकता आधारित क्षेत्रों को लोन देने और छोटी राशि का लोन लेने वाले लोगों को किश्तों में छूट देने की भी बात कहीं। बैंकों को 25 करोड़ रूपये तक का लोन लेने वाले लोगों और संस्थानों के लिये नियम और शर्तें आसान बनाने के लिये भी कहा।