देविन्दर सिंह को बचा रहे है PM Modi और Amit Shah?

नई दिल्ली: डीएसपी देविन्दर की गिरफ्तारी के साथ ही सियासी गलियारे में भारी भूचाल आया हुआ है। और इसके साथ ही अफज़ल गुरू फिर एक बार टीवी डिबेट का विषय बनता दिख रहा है। पूरे मामले को कड़ी दर कड़ी जोड़ा जाये तो काफी गंभीर बातें निकलने की आंशकायें जताई जा रही है। आम जनता के बीच ये संदेश जा रहा है कि अफज़ल गुरू को किसी साज़िश के तहत फंसाया गया था। जिन नारों का हवाला जेएनयू के छात्र देते है, अफज़ल हम शर्मिन्दा है ते*-@# का@#$%ज़िन्द^%$ है। उस बात में कोई सच्चाई है ?

अफज़ल अपनी गिरफ्तारी से लेकर फांसी चढ़ने तक डीएसपी देविन्दर सिंह के नाम का हवाला देता था और कहता था कि उनसे भी पूछताछ की जाये, सारा मामला पानी की तरह साफ हो जायेगा। मुझे सिर्फ बलि का बकरा बनाया जा रहा है। कारवां पत्रिका के कार्यकारी संपादक विनोद के.जॉस से बातचीत के दौरान अफज़ल ने ये सब फरवरी 2013 में कहा था। 

हालिया में हुई डीएसपी देविन्दर सिंह की गिरफ्तारी से कई बड़ी बातें निकलकर सामने आ रही है। वो हिज्बुल और लश्कर के आंतकियों को शरण देता था। उसके घर से असॉल्ट राइफलों और ग्रेनेड़ो की बरामदगी कहीं ना कहीं अफज़ल के दावे को पुख़्ता करती है। इसके अलावा डीएसपी सिंह का अपराधिक इतिहास भी निकलकर सामने आ रहा है। 

अब जांच पड़ताल की सुई डीएसपी देविन्दर सिंह की ओर घूम गयी है। अब सवाल ये उठता है कि पुलवामा हमले में डीएसपी सिंह का हाथ तो नहीं था? भारी मात्रा में विस्फोटकों को घाटी में पहुँचाने का काम इन्होनें तो नहीं किया? दूसरी ओर देश का प्रबुद्ध वर्ग ये जानना चाहता है कि, अफज़ल को फांसी तक पहुँचाने में क्या किसी राजनीतिक षड्यन्त्र का हाथ था? इन्टॉरेगेशन के दौरान जांच एजेन्सियों ने अफज़ल की बात सुनते हुए डीएसपी सिंह पर जांच के दायरे में क्यों नहीं लिया?

इसी बात को मुद्दा बनाते हुए फिल्म डायरेक्टर अनुराग कश्यप लिखते है कि, लगता है भक्त और आई.टी. सेल वाले बोर्ड मीटिंग में बिजी है और कोशिश कर रहे है कि डविन्दर सिंह की गिरफ्तारी से बने हालातों पर पर्दा कैसे डाला जाये। गृहमंत्री अमित शाह के इंस्ट्रक्शन का इंतज़ार किया जा रहा है। ये लोग एक साथ बाहर आयेगें कई सारे ट्रेंडिंग हैशटेगस् के साथ

लगता है भक्त और IT Cell वाले बोर्ड मीटिंग में हैं । यह डविंदर सिंह वाली सिचूएशन को कैसे पलटा जाए । अमित शाह के इन्स्ट्रक्शन का वेट हो रहा है । एक साथ बाहर आएँगे ट्रेंडिंग hashtag के साथ ।

— Anurag Kashyap (@anuragkashyap72) January 14, 2020

अपने दूसरे ट्विट में अनुराग फरमाते है कि- ये डविन्दर सिंह की गिरफ्तारी पर इतनी शांति क्यों छाई हुई है? देशद्रोहियों की पहचान करने वाले लोग कहां गये ? और हल्ला करने वाले कहां छिपे बैठे है ?

  
यह डविंदर सिंह की गिरफ़्तारी पर इतनी शांति क्यों है ? कहाँ गए देशद्रोहियों की पहचान करने वाले ? और हल्ला मचाने वाले ?

— Anurag Kashyap (@anuragkashyap72) January 14, 2020

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