एजेंसियां/न्यूज डेस्क (निकुंजा वत्स): आसमानी निगरानी और चीन की जासूसी करने के लिये संयुक्त राज्य अमेरिका अब बेहतर तरीके से ड्रोनों का इस्तेमाल करने के लिये तैयार है। इससे दोनों देशों के बीच सैन्य टकराव बढ़ना लगभग तय माना जा रहा है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट (China morning post) की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी जासूसी ड्रोन चीन के हवाई इलाके में अब ज़्यादा दिखाई देने लगे है। इस मुद्दे पर अमेरिकी नौसेना ने कहा कि, दो एमक्यू -4 सी ट्राइटन ड्रोनों का अस्थायी तौर पर गुआम से उत्तरी जापान में मिसावा बेस पर ट्रांसफर कर दिया गया है। ये पहली बार है, जब उच्च ऊंचाई वाले लॉन्ग एंड्यूरेंस (एचएएलई) मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) को जापान में तैनात किया गया है।
क्योडो समाचार एजेंसी ने बीती 16 मई को बताया कि, इन ड्रोनों को जापान के आओमोरी प्रान्त में मिसावा हवाई अड्डे पर पांच महीने के लिये तैनात किया गया है। एजेंसी के अनुसार, जापानी रक्षा मंत्रालय का मानना है कि टोह के लिए लंबे समय तक ये यूएवी तैनात रहेगें। ये सुरक्षा व्यवस्था को भी काफी मजबूत करेगा। खासतौर से समुद्री इलाकों की निगरानी करके। नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन MQ-4C ट्राइटन 30 घंटे ड्रोन तक हवा में रह सकता है और 17,000 मीटर (10.5 मील) की ऊंचाई से निगरानी कर सकता है। इसकी मदद से विशाल समुद्री इलाकों की निगरानी करने में मदद मिलेगी।
हाल के सालों में जापान इस इलाके में खासतौर तौर से विवादित सेनकाकू द्वीप समूह (मुख्य भूमि चीन में डियाओयू द्वीप समूह के रूप में जाना जाता है) के पास चीन की संदिग्ध गतिविधि को लेकर काफी चिंतित है। इस इलाके में चीनी गश्ती जहाज लगातार जापान की जलीय सीमा में घुसपैठ कर रहे है। ये ड्रोन प्रशांत क्षेत्र में सबसे पहले ड्रोन तैनात किए गए थे। जब इन्हें पिछले साल की शुरुआत में गुआम भेजा गया था। ओपन-सोर्स एविएशन मॉनिटरिंग (Open-source aviation monitoring) के मुताबिक इन ड्रोनों ने चीन के आसपास निगरानी मिशनों को बखूबी अंजाम दिया। उस दौरान इन यूएवी ज़द में जापानी तटों के साथ ताइवान स्ट्रेट, पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के ठिकानें और दक्षिण चीन सागर में कृत्रिम द्वीपों पर बने चीनी मिलिट्री ठिकानों थे।
मंगलवार (16 मई) को दक्षिण चीन सागर के ऊपर एक मिशन के दौरान दो P-8A पनडुब्बी रोधी गश्ती विमान, एक EP-3E इलेक्ट्रॉनिक टोही विमान और एक USAF RC-135W इलेक्ट्रॉनिक टोही विमान के साथ ट्राइटन ने उड़ान भरी थी। इस मिशन में ट्राइटन का खास ध्यान ताइवान जलडमरूमध्य के दक्षिणी छोर पर होगा। साथ ही हाल ही में इसने शान्ताउ के पीएलए नौसैनिक के पास उड़ान भरी थी। जिसे चीनी नौसेना ने इंटरसेप्ट किया था।
ट्राइटन अन्य अमेरिकी नौसैनिक जासूसी विमानों के साथ होंशू द्वीप के उत्तरी सिरे के पास, आओमोरी में मिसावा एयरबेस के बेड़े में शामिल होगा। इस बेड़े में मानवयुक्त P-8A पोसिडॉन समुद्री गश्ती विमान (Poseidon Marine Patrol Aircraft) भी शामिल है।