न्यूज डेस्क (वृंदा प्रियदर्शिनी): केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने राज्य सरकारों से आग्रह किया है कि, वे ब्लैक फंगस (Mucormycosis) को महामारी रोग अधिनियम 1897 के तहत नोटिफाई करें। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि “सभी सरकारी और निजी स्वास्थ्य सुविधाओं, मेडिकल कॉलेजों को MoHFW और ICMR द्वारा जारी किये गये म्यूकोर्मिकोसिस की जांच, निदान, प्रबंधन के लिए जारी दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए।”
गौरतलब है कि दिल्ली सहित देश के कई हिस्सों में ‘म्यूकोर्मिकोसिस’ या ‘ब्लैक फंगस’ नामक दुर्लभ फंगस इंफेक्शन बढ़ रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, म्यूकोर्मिकोसिस या ब्लैक फंगस फंगल इंफेक्शन के कारण होने वाली जटिलता है।
अब सामने आये व्हाइट फंगस से जुड़े मामले
भारत के कई राज्यों में ब्लैक फंगस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच बिहार के पटना से व्हाइट फंगस (White Fungus) संक्रमण के चार मामले सामने आए हैं। गौरतलब है कि ब्लैक फंगस की तुलना में व्हाइट फंगस को ज्यादा खतरनाक माना जाता है। व्हाइट फंगस की चपेट में पटना के एक मशहूर डॉक्टर भी आये है। व्हाइट फंगस ब्लैक फंगस संक्रमण से ज़्यादा खतरनाक है, क्योंकि ये फेफड़ों के साथ-साथ शरीर के दूसरे हिस्सों जैसे नाखून, त्वचा, पेट, गुर्दे, मस्तिष्क, निजी अंगों और मुंह को प्रभावित करता है।
डॉक्टरों के मुताबिक व्हाइट फंगस भी कोरोना की तरह फेफड़ों को संक्रमित करता है। पीएमसीएच में माइक्रोबायोलॉजी (Microbiology) के प्रमुख डॉ एस एन सिंह के मुताबिक, व्हाइट फंगस से संक्रमित सभी चार मरीजों में कोरोना वायरस इंफेक्शन से मिलते जुलते लक्षण दिखायी दिये, लेकिन वे COVID-19 पॉजिटिव नहीं थे। उनके फेफड़े बुरी तरह प्रभावित दिखे। टेस्ट के बाद जब उन्हें एंटी-फंगल दवाएं दी गईं तो वे ठीक हो गये।
डॉ सिंह ने आगे कहा कि ब्लैक फंगस की तरह सफेद फंगस भी कमजोर इम्युनिटी वालों के लिए ज्यादा खतरनाक है। मधुमेह के रोगी और जो लोग लंबे समय से स्टेरॉयड ले रहे हैं, उन्हें व्हाइट से संक्रमित होने का खतरा ज़्यादा होता है। व्हाइट फंगस उन कोरोना इंफेक्टिड मरीज़ों को भी प्रभावित कर रहा है, जो ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं। व्हाइट फंगस का सीधा असर इन मरीजों के फेफड़ों पर पड़ रहा है।
डॉक्टरों के मुताबिक व्हाइट फंगस के खिलाफ कैंसर के मरीजों को अलर्ट पर रखा गया है। व्हाइट फंगस बच्चों और महिलाओं को भी संक्रमित करता है और डॉक्टरों के मुताबिक ये ल्यूकोरिया का मुख्य कारण है। ऑक्सीजन या वेंटिलेटर को ठीक से सेनेटाइज करने से व्हाइट फंगस के संक्रमण से बचाव आसान हो जाता है।