न्यूज डेस्क (दिगान्त बरूआ): आज कोरोना संक्रमण के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने लोकसभा क्षेत्र वाराणसी (Varanasi) के अधिकारियों और डॉक्टरों से वर्चुअल बैठक के दौरान बातचीत करते हुए, बचाव और तैयारियों के बारे में जाना। इस दौरान प्रधानमंत्री ने टीकाकरण अभियान में भागीदारों के अनुभवों का लाभ उठाने की बात कहीं। इसके साथ ही उन्होनें ब्लैक फंगस के बढ़ते प्रकोप पर भी चिंता ज़ाहिर की। कोरोना टीकाकरण मुहिम आशा वर्कर और ANM की भूमिका को भी उन्होनें जमकर सराहा। इसके साथ ही उन्होनें माइक्रो कंटेनमेंट जोन और कम से कम टीकों की वेस्टेज करने की भी सलाह दी।
वाराणसी के अधिकारियों और डॉक्टरों से प्रधानमंत्री की वर्चुअल बैठक के मुख्य अंश:
- बीते कुछ समय से देश में एक्टिव केस कम होना शुरू हुए हैं। लेकिन आपने इन डेढ़ सालों में ये अनुभव किया है कि जब तक ये संक्रमण माइनर स्केल पर भी मौजूद है, तब तक चुनौती बनी रहती है।
- फील्ड में किए गए आपके कार्यों से, आपके अनुभवों और फीडबैक्स से ही practical और Effective policies बनाने में मदद मिलती है। टीकाकरण की रणनीति (Vaccination strategy) में भी हर स्तर पर राज्यों और अनेक स्टेकहोल्डर से मिलने वाले सुझावों को शामिल करके आगे बढ़ाया जा रहा है।
- पिछली महामारियां हों या फिर ये समय, हर महामारी ने हमें एक बात सिखाई है। महामारी से डील करने के हमारे तौर-तरीकों में निरंतर बदलाव, निरंतर innovation बहुत ज़रूरी है। ये वायरस mutation में, स्वरूप बदलने में माहिर है, तो हमारे तरीके और strategies भी dynamic होने चाहिए।
- एक विषय वैक्सीन वेस्टेज का भी है। एक भी वैक्सीन की वेस्टेज का मतलब है, किसी एक जीवन को जरूरी सुरक्षा कवच नहीं दे पाना। इसलिए वैक्सीन वेस्टेज रोकना जरूरी है।
- जीवन बचाने के साथ-साथ हमारी प्राथमिकता जीवन को आसान बनाए रखने की भी है। गरीबों के लिए मुफ्त राशन की सुविधा हो, दूसरी आवश्यक सप्लाई हो, कालाबाज़ारी पर रोक हो, ये सब इस लड़ाई को जीतने के लिए भी जरूरी हैं, और आगे बढ़ने के लिए भी आवश्यक है।
- मैं काशी का एक सेवक होने के नाते हर एक काशीवासी का धन्यवाद देता हूँ। विशेष रूप से हमारे डॉक्टर्स ने, नर्सेस ने, technicians, वॉर्ड बॉयज़, एम्ब्युलेन्स ड्राईवर्स, आप सभी ने जो काम किया है, वो वाकई सरहनीय है।
- इस वायरस ने हमारे कई अपनों को हमसे छीना है। मैं उन सभी लोगों को अपनी श्रद्धांजलि देता हूँ, उनके परिजनों के प्रति सांत्वना व्यक्त करता हूँ।
- बनारस ने जिस स्पीड से इतने कम समय में ऑक्सीज़न और आईसीयू बेड्स की संख्या कई गुना बढ़ाई है, जिस तरह से इतनी जल्दी पंडित राजन मिश्र कोविड अस्पताल को सक्रिय किया है, ये भी अपने आपमें एक उदाहरण है।
- आपके तप से, और हम सबके साझा प्रयासों से महामारी के इस हमले को आपने काफी हद तक संभाला है। लेकिन अभी संतोष का समय नहीं है। हमें अभी एक लंबी लड़ाई लड़नी है। अभी हमें बनारस और पूर्वांचल के ग्रामीण इलाकों पर भी बहुत ध्यान देना है।
- ‘जहां बीमार वहीं उपचार’, इस सिद्धांत पर माइक्रो-कंटेनमेंट ज़ोन (Micro-containment zone) बनाकर जिस तरह आप शहर एवं गावों में घर घर दवाएँ बाँट रहे हैं, ये बहुत अच्छी पहल है। इस अभियान को ग्रामीण इलाकों में जितना हो सके, उतना व्यापक करना है।
- कोविड के खिलाफ गांवों में चल रही लड़ाई में आशा और ANM बहनों की भी भूमिका बहुत अहम है। मैं चाहूँगा कि इनकी क्षमता और अनुभव का भी ज्यादा से ज्यादा लाभ लिया जाए।
- सेकंड वेव में हमने वैक्सीन की सुरक्षा को भी देखा है। वैक्सीन की सुरक्षा के चलते काफी हद तक हमारे फ्रंट लाइन वर्कर्स सुरक्षित रहकर लोगों की सेवा कर पाए हैं। यही सुरक्षाकवच आने वाले समय में हर व्यक्ति तक पहुंचेगा। हमें अपनी बारी आने पर वैक्सीन जरूर लगवानी है।
- हमारी इस लड़ाई में अभी इन दिनों ब्लैक फंगस की एक और नई चुनौती भी सामने आई है। इससे निपटने के लिए जरूरी सावधानी और व्यवस्था पर ध्यान देना जरूरी है।