एजेंसियां/न्यूज डेस्क (वृंदा प्रियदर्शिनी): सितंबर 2021 तक अमेरिकी सैनिकों (US soldiers) द्वारा अफगानिस्तान छोड़े जाने के बाद तालिबान अमेरिकी सैन्य उपकरण और हथियारों को हड़प सकता है। द फ्रंटियर पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक गुरुवार को अफगानिस्तान रक्षा विभाग के अधिकारियों ने कबूल किया कि, अफगानिस्तान से हजारों गाड़ियां, हथियार और दूसरे सैनिक साज़ो सामान पर तालिबान अपना कब़्जा जमा सकता है। सैन्य योजनाकारों ने कहा कि इस उस खतरे को कम करने के लिए योजना तैयार की जा रही है। विदेशी सैनिक टुकड़ियां वापसी होने से पहले अफगानी सैनिकों को लड़ाई जारी रखने के लिए उतने हथियार छोड़ सकती है, जितना कि वो इस्तेमाल करना चाहे।
संयुक्त स्टाफ के लिए राजनीतिक-सैन्य मामलों के उप निदेशक ब्रिगेडियर जनरल मैथ्यू ट्रोलिंगर (Brigadier General Matthew Trollinger) ने कहा, “हम उन सुविधाओं, वाहनों और दूसरे उपकरण मुहैया करवायेगें। जिनका इस्तेमाल अफगान राष्ट्रीय रक्षा बल देश को सुरक्षित करने के अपने प्रयासों में कर सकते हैं। हम सिर्फ उन्हीं उपकरणों को ले जायेगें, जिन्हें आसानी से वापसी ले जाया जा सके। लेकिन हम इस बात की गारंटी नहीं दे सकते कि, हमारे द्वारा छोड़े गये हथियार और दूसरे साज़ो सामान तालिबान के हाथों में ना पड़े”
गौरतलब है कि कई सीनेटर्स ने सशस्त्र सेवा समिति के सदस्यों की चिंताओं के बीच सवाल उठाया कि, संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा अफगानिस्तान में 20 सालों की तैनाती के बाद अफगानिस्तान के सुरक्षा हालातों का क्या होगा। इस हफ़्ते की शुरुआत में यूएस सेंट्रल कमांड के अधिकारियों ने कहा कि 13 फीसदी से 20 प्रतिशत के बीच सैनिकों की वापसी हो चुकी है। हालांकि इस बात की जानकारी नहीं दी गयी है कि अमेरिकी सैन्य बल कितने और कौन से हथियार अफगानी सेना के लिये छोड़े है।
हाल ही में अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने गहन छानबीन के दौरान पाया कि, इराक अमेरिकी सैनिकों की वापसी के कई सालों बाद उनकी गाड़ियां और हथियार मध्य पूर्व में लड़ रहे इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों के पास पाये गये। इंडो-पैसिफिक मामलों के कार्यवाहक सहायक रक्षा सचिव डेविड हेल्वे ने कहा कि इस वापसी के साथ, सैन्य नेता अफगान सुरक्षा बलों के साथ इस तरह के लॉजिस्टिक्स ब्रेकडाउन (Logistics breakdown) को रोकने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।
उन्होनें कहा कि हम अफगान भागीदारों के साथ लगातार संपर्क में रहेगें। साथ ही देश से बाहर तमाम जरूरी मदद मुहैया करवायी जायेगी। हमारी नज़रे ऐसे क्षेत्रों पर बनी हुई जहां से अफगान सुरक्षा बलों को संभावित चुनौती मिल सकती है ताकि भविष्य में हम उनकी मदद करने में सक्षम हो सके। अफगानिस्तान में भ्रष्टाचार बड़ी समस्या है। ऐसे में हथियार, गोला बारूद और सैन्य साज़ो सामान छोड़ना बड़ी चुनौती साबित होगा। माना जा रहा है कि अमेरिकी सैन्य बल अफगानिस्तान में 36 बिलियन अमरीकी डालर के सैन्य साज़ो सामान छोड़ सकते है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने मई में सैनिकों की पूरी तरह वापसी का ऐलान कर चुके है। अफगानिस्तान में लगभग 2,500 अमेरिकी सैनिक तैनात थे।