न्यूज़ डेस्क (नई दिल्ली): Delhi में कोरोना (Corona) की दूसरी लहर पर काबू पाने के लिए लॉकडाउन (lockdown) लगाया गया जिसके चलते कई लोगों को अपने रोजगार से हाथ धोना पड़ा। हालाँकि अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो गई है लेकिन अभी ऐसे कई लोग है जो अपने रोज़गार के कारण परेशानियों से जूझ रहे है। ऐसे लोगों को ध्यान में रखते हुए दिल्ली की केजरीवाल सरकार मुफ्त राशन की व्यवस्था कर रही है। दिल्ली में जिन लोगों के पास राशन कार्ड (Ration Card) नहीं है उन्हें भी सरकार 5 जून यानि आज से सरकारी स्कूलों में राशन बांटने की इस कवायद में जुट गई है। दिल्ली में किसी भी गरीब आदमी के पास खाने की कोई कमी ना रहे इसका पूरा इंतजाम सरकार कर रही है।
इसी क्रम में आज दिल्ली की उत्तम नगर विधानसभा के विधायक नरेश बाल्यान (Naresh Balyan) ने मोहन गार्डन वार्ड 25 एस में सरकारी स्कूल में बने राशन वितरण केंद्र पर पहुचे। विधायक ने केंद्र पर पहुच कर राशन वितरण केंद्र पर चल रही तमाम प्रक्रिया का जायजा लिया साथ ही यह भी सुनिश्चित किया की किसी भी क्षेत्रवासियों को किसी परेशानी का सामना ना करना पड़े।
विधायक नरेश बाल्यान के साथ कदम से कदम मिला कर चलने वाली पार्टी की कार्यकर्ता और समाजसेविका भी मोहन गार्डन वार्ड 25 एस के सरकारी स्कूल में चल रहे राशन वितरण केंद्र पर पहुची। पूनम वर्मा ने बताया की इस केंद्र पर कोरोना गाइडलाइन्स का पालन करते हुए ऐसे सभी लोग जिनके पास राशन कार्ड नही है, उन्हें राशन देने का कार्य सुचारू रूप से किया जा रहा है। आप नेत्री ने इस सुविधा के लिए वार्ड 25-एस की जनता की और से मुख्यमंत्री का भी धन्यवाद किया।
बता दें कि बिना राशन कार्ड वालों को राशन का वितरण दिल्ली के प्रत्येक 280 वार्डों के एक-एक स्कूल में किया जा रहा है। इस योजना के तहत लोगो को दिल्ली सरकार प्रति व्यक्ति को 4 किलो गेहूं और 1 किलो चावल मुफ्त में देने का कार्य कर रही है। मुफ्त राशन का लाभ लेने केंद्र पर पहुचे लोगो ने दिल्ली सरकार की इस योजना की जमकर सराहना की साथ ही केजरीवाल (Kejriwal) सरकार के लिए आभार भी प्रकट किया।
लॉकडाउन के चलते जरूरतमंदों, जिनके पास राशन कार्ड नहीं है और जिसमें असंगठित श्रमिक, प्रवासी श्रमिक, भवन और निर्माण श्रमिक, घरेलू इस योजना के तहत अपना आधार कार्ड दिखा कर राशन प्राप्त कर सकते है। इसके तहत राशन का लाभ प्रारंभिक चरण में अधिकतम 2 लाख लाभार्थियों और बाद में आवश्यकता के अनुसार अधिकतम 20 लाख लाभार्थियों को प्रदान किया जाएगा।