न्यूज डेस्क (विश्वरूप प्रियदर्शी): पंजाब विधानसभा चुनाव (Punjab Election) 2022 से पहले शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने आज (12 जून 2021) बहुजन समाज पार्टी (BSP) के साथ गठबंधन किया। ये निर्णय SAD की कोर कमेटी की बैठक में लिया गया। शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने संवाददाता सम्मेलन में गठबंधन का ऐलान करते हुए इसे ‘पंजाब की राजनीति में नया दिन’ बताया।
सुखबीर सिंह बादल ने बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा की मौजूदगी में कहा, “आज का दिन ऐतिहासिक है..पंजाब की राजनीति में बड़ा मोड़ है।” उन्होंने कहा कि शिअद और बसपा 2022 के चुनाव और अन्य चुनाव साथ मिलकर लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि मायावती की अगुवाई वाली बसपा पंजाब की 117 विधानसभा सीटों में से 20 पर चुनाव लड़ेगी, जबकि बाकी 97 सीटों पर शिअद लड़ेगी।
बसपा जिन सीटों पर चुनाव लड़ेगी उनमें जालंधर में करतारपुर साहिब, जालंधर-पश्चिम, जालंधर-उत्तर, फगवाड़ा, होशियारपुर अर्बन, रूपनगर जिले में दसूया, चमकौर साहिब, पठानकोट में बस्सी पठाना, सुजानपुर, मोहाली, अमृतसर उत्तर और अमृतसर सेंट्रल (Amritsar Central) शामिल हैं।
इस मौके पर बसपा सांसद सतीश मिश्रा ने कहा कि, आज ऐतिहासिक दिन है क्योंकि हमने शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के साथ गठबंधन किया। जो पंजाब की सबसे बड़ी पार्टी है। 1996 में बसपा और शिअद दोनों ने संयुक्त रूप से लोकसभा चुनाव लड़ा और 13 में से 11 सीटों पर जीत हासिल की। इस बार ये गठबंधन नहीं टूटेगा। हम भ्रष्टाचार और घोटालों को खत्म करने के लिए काम करेंगे। मौजूदा केन्द्र सरकार दलित और किसान विरोधी (Dalit and anti-farmer) है, जबकि हम सबके कल्याण और विकास के लिए काम करेंगे।
अकाली दल ने कृषि बिलों को लेकर सितंबर में भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से हाथ खींच लिये थे। जिसके बाद हरसिमरत कौर बादल ने केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। शिअद के साथ गठबंधन के तहत भाजपा 23 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ती थी।
Punjab Election के मद्देनज़र गठबंधन पर SAD ने दी थी, ये प्रतिक्रिया
इससे पहले 5 जून को शिअद अध्यक्ष बादल ने कहा था कि, उनकी पार्टी कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी के अलावा अन्य पार्टियों के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन के लिए तैयार है। शिअद पिछले साल नये कृषि कानूनों को वापस लेने से पहले केंद्र में सत्तारूढ़ एनडीए का हिस्सा थी।
कृषि बिलों के लागू करने के बाद बादल और उनकी पार्टी ने साफ कर दिया कि भाजपा के साथ किसी भी तरह का गठबंधन नहीं किया जायेगा। इसके साथ ही शिअद और भाजपा के गठबंधन को लेकर हर तरह के कयासों और अफवाहों पर विराम लग गया।
एएनआई को दिये अपने बयान में सुखबीर सिंह बादल ने कहा था कि, हम कांग्रेस, बीजेपी और आप को छोड़कर दूसरी पार्टियों के साथ गठबंधन के लिए तैयार हैं। हम इन पार्टियों के साथ गठबंधन नहीं कर सकते। हम गठबंधन करेंगे और हम दूसरों राजनीतिक दलों के लिए अपने दरवाज़े खोलेगें। बीजेपी के साथ जाने का कोई सवाल ही नहीं उठता। गौरतलब है कि पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं।