यूरो कप 2021 (Euro Cup) का आग़ाज़ बीती रात हुआ। रोम में इटली और टर्की के बीच खेला गया मुक़ाबला इटली ने 3-0 से जीत लिया। ये एक कम्फ़र्टेबल जीत थी, अलबत्ता पहले हाफ़ में इतालवी खिलाड़ी निस्तेज नज़र आए थे और कुछ अच्छे मूव बनाने के बावजूद उन्होंने मौक़े गंवाए।
दूसरे हाफ़ में टर्की के डिफ़ेंडर ने क्लीयरेंस के दौरान अपने ही पाले में गेंद दे मारी, जिससे इटली का खाता खुला। उसके बाद उन्होंने अपनी लय पा ली- जैसा कि अकसर होता है क्योंकि पहले गोल के बाद नाकेबंदियाँ खुल जाती हैं और आक्रमण-पंक्ति को अधिक खुले व्यूह और गलियारे नज़र आने लगते हैं- और उन्होंने बाद इसके दो और ख़ूबसूरत गोल दाग़े।
इम्मोबाइल और इन्सीन्ये : ये गोल करने वाले खिलाड़ी थे। दोनों ही गोल में इनका फ़िनिश निष्णात और लयबद्ध था। विशेषकर तीसरा गोल जो एक खूबसूरत टच के साथ कर्ल किया गया था। ये दोनों कई वर्षों से सेरी-आ यानी इतालवी लीग के प्रोलिफ़िक गोलस्कोरर (prolific goalscorer) हैं। इम्मोबाइल लाष्यो के लिए खेलते हैं और इन्सीन्ये नैपली के लिए।
इटली की स्टार्टिंग इलेवन में मिलान-टीमों (एसी मिलान और इंटर मिलान) की अधिक सहभागिता नहीं थी। 4-3-3 के पुख़्ता फ़ॉर्मेशन में इंटर मिलान के बारेल्ला मिडफ़ील्ड में थे। रक्षापंक्ति में यूवेन्तस के लेजेंडरी डिफ़ेंडर-द्वय कीलियनी और बनूची थे, जैसे किसी ज़माने में माल्दीनी और नेस्ता हुए करते थे। दूसरे हाफ़ में यूवेन्तस के तेज़तर्रार खिलाड़ी कीएज़ा और फ़र्नान्देष्ची भी मैदान में उतारे गए और उन्होंने अपनी गति से कुछ अच्छे फ़ाउल करवाए।
एक आसान जीत के बावजूद इटली की यह टीम टूर्नामेंट की फ़ेवरेट नहीं है। टूर्नामेंट की फ़ेवरेट टीम है विश्व-विजेता फ्रांस, जिसने तीन साल पहले विश्व-कप में परचम फहराया था। 1998 में जब फ्रांस ने ज़िनेदिन ज़िदान की प्रेरणा से विश्वकप जीता था तो उसके बाद 2000 में- प्रसंगवश इटली को हराकर- यूरो कप भी जीता था। इसी तरह 2010 की स्पेन की विश्वजयी गोल्डन-जनरेशन- जो कि बार्सीलोना की भी गोल्डन-जनरेशन थी- ने आइदर-साइड-ऑफ़-वर्ल्ड-कप- यानी 2008 और 2012 में यूरो कप भी जीते थे। फ्रांस ने 2016 के यूरो कप का फ़ाइनल खेला था और अगर वो मैच वो जीत जाता, तो वो आइदर-साइड-ऑफ़-वर्ल्ड-कप की यूरोपियन-ग्लोरी वाला स्पेन का कारनामा दोहरा सकता था, अलबत्ता वो 2021 की जीत से भी कम संतुष्ट नहीं होगा।
क्या ग़ज़ब की स्क्वाड-डेफ़्थ है उसकी कि हर पोज़िशन के लिए उसके पास तीन-तीन विश्वस्तरीय विकल्प हैं। इनके अलावा बेल्जियम, इंग्लैंड, स्पेन, नीदरलैंड्स और जर्मनी की टीमें भी अपना दावा पेश करेंगी। डिफ़ेंडिंग चैम्पियन पुर्तगाल की टीम भी कमख़ुदा नहीं, उनके कई खिलाड़ी इंग्लिश प्रीमियर लीग (English Premier League) से तपकर आए हैं- जैसे ब्रूनो फ़र्नान्दीस, बर्नादो सील्वा, दीएगो जोता, रूबेन दीयाज़। पुर्तगाल पूरे दमखम से अपना ख़िताब बचाने मैदान में उतरेगी, यानी काँटे के मुक़ाबले देखे जाएँगे।
2020 में कोविड के चलते यूरो कप नहीं हो सका था, लिहाजा ठीक एक साल बाद 2021 में यह हो रहा है। यह विश्वकप की तरह हर चार साल के अंतराल में होता है। इसी के साथ एक और कॉन्टिनेंटल टूर्नामेंट शुरू होने जा रहा है- कोपा अमरीका- जिसमें साउथ अमरीका की टीमें भिड़ेंगी। अनेक वर्षों से इंटरनेशनल ट्रॉफ़ी के लिए तरस रही अर्जेन्तीना का दारोमदार फिर से लियो मेस्सी पर होगा।
अंतरराष्ट्रीय फ़ुटबॉल के दो मेजर टूर्नामेंट एक साथ हो रहे हैं और अगले साल विश्वकप होगा। फ़ुटबॉल-प्रेमियों के लिए यह उत्सव है। इन पंक्तियों का लेखक यथासम्भव यूरो-डायरी लेकर पाठकों के सम्मुख पेश आता रहेगा, जैसे उसने यूरो-2016 और विश्व कप-2018 में नियमित रोजनामचे लिखे थे जो पाठकों में बहुत लोकप्रिय हुए थे। जैसे-जैसे मैच खेले जाएँगे, रोमांच बढ़ता रहेगा। आदतन और इरादतन रतजगा करने वालों के लिए यह अब आने वाले कई दिनों तक आधी रात की दावत है!
पुनश्च : टर्की के जिस डिफ़ेंडर के ओन-गोल ने इटली का खाता खोला, वो इतालवी लीग की अग्रणी टीम यूवेन्तस के लिए सेंटर-बैक पोज़िशन में खेलता है। सेल्फ़-गोल इतना सधा हुआ था कि विनोदप्रिय तबीयत के खेलप्रेमियों को कटाक्ष करने का अवसर मिल गया। जो फ़ुटबॉल-इतिहास की गहरी जानकारी रखते हैं, उन्हें वर्ष 1990 के विश्वकप का सेमीफ़ाइनल याद आया होगा, जो इटली और अर्जेन्तीना के बीच खेला गया था। तब अर्जेन्तीना के कप्तान इतालवी लीग के सितारा खिलाड़ी थे, और इटली के प्रशंसक चाहते थे कि वो यह मैच हारकर इटली में खेलने का क़र्ज़ा चुकाएं। लेकिन नैपली को दो लीग टाइटिल्स जिताने वाला वो खिलाड़ी दूसरी ही मिट्टी का बना था और उसकी टीम ने मेज़बान इटली को हराकर एक समूचे देश को सामूहिक अवसाद और उसके बदनाम माफिया को दिवालियेपन में झोंक दिया था। उस खिलाड़ी का नाम था- दिएगो मारादोना।