न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और अमेरिकी वैक्सीन निर्माता की सहयोग से बनी नोवावैक्स (Novavax vaccine) ने चरण 3 के परीक्षणों के दौरान कोरोना संक्रमण से जूझ रहे मध्यम और गंभीर लक्षण वाले लोगों पर नोवावैक्स का असर 100 फीसदी सुरक्षित पाया है। इस वैक्सीन का का ट्रायल मैक्सिको और अमेरिका की अलग-अलग 119 जगहों पर करीब 29,960 लोगों पर किया गया था। जिसके बाद ही नतीजे सामने आये।
नोवावैक्स भारतीय दवा निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सहयोग से भारत और दूसरे विकासशील देशों के लिये कोरोना वैक्सीन का निर्माण कर रहा है। इस वैक्सीन को NVX-CoV2373 प्रोटीन आधारित प्रणाली पर तैयार किया गया है। जिसके लिये SARS-CoV-2 के पहले स्ट्रेन के आनुवंशिक अनुक्रम (Genetic Sequence) को जैनेटिक इंजीनियरिंग से बदला गया। यहीं स्ट्रेन कोरोना बीमारी का मुख्य कारक है।
प्रोटीन-आधारित इस टीके ने SARS-CoV-2 मुख्य वेरियंट पर 93 फीसदी असर डाला है। उच्च जोखिम वाली आबादी में वैक्सीन 91 प्रतिशत लोगों पर कारगर दिखी। कोरोना वायरस के कई वेरियंट्स पर इसने 100% प्रभावकारिता दिखायी। कंपनी के मुताबिक इस वैक्सीन से जिन लोगों के समूह का टीकाकरण किया गया उनमें से 14 पॉजिटिव लोगों पर हल्के लक्षण दिखायी दिये।
Novavax Corona Vaccine के लिये जल्द ही दायर करेगा अर्जी
नये वैक्सीन अनुमोदन नियमों (Vaccine Approval Rules) के मुताबिक SII भारत में ये वैक्सीन लॉन्च करने में पूरी तरह सक्षम होगी। अगर नोवावैक्स को अमेरिका में आपातकालीन इस्तेमाल के लिये मंजूरी मिलती है तो इसकी उत्पादन क्षमता बढ़ायी जा सकती है। SII ने भारत में COVID-19 टीके बनाने के लिए Novavax के साथ करार किया है। माना जा रहा है कि इस टीके को भारत में सितंबर 2021 तक लॉन्च किया जा सकता है। भारत सरकार को इस टीके की 20 करोड़ खुराक एसआईआई से मिलने की उम्मीद है।
मैरीलैंड स्थित नोवावैक्स के मुख्यालय से बयान जारी किया गया कि, 2021 की तीसरी तिमाही तक कंपनी रेगुलेटरी अप्रूवल के लिये अर्जी दे सकती है। तीसरी तिमाही के आखिरी तक हर महीने 100 मिलियन खुराक और साल के आखिर तक हर महीने 150 मिलियन खुराक कंपनी बनायेगी।