न्यूज डेस्क (समरजीत अधिकारी): हाल ही में वित्त मंत्रालय ने उन दावों का खंड़न किया, जिसमें दावा किया गया था कि साल 2020 के दौरान स्विस बैंकों (Swiss Banks) में भारतीयों ने 20,700 करोड़ रुपये से ज़्यादा की रकम जमा करवायी। वित्त मंत्रालय द्वारा कथित दावों और रिपोर्टों का खंड़न ठीक एक दिन बाद किया गया। वित्त मंत्रालय ने कहा कि उसने स्विट्जरलैंड के अधिकारियों से संबंधित तथ्यों के साथ-साथ फंड में बदलाव के संभावित कारणों पर उनके विचार के बारे में विवरण मांगा है।
आधिकारिक विज्ञप्ति में वित्त मंत्रालय ने कहा कि आंकड़े भारतीयों द्वारा रखे गये ‘काले धन की रकम’ की ओर इशारा नहीं करते है। इनमें से सबसे ज़्यादा इज़ाफा ‘ग्राहकों से देय अन्य राशियों’ में हुआ है। जिसमें बांड (Bond), प्रतिभूतियों, और अन्य वित्तीय साधन शामिल है। वित्त मंत्रालय ने जोर देकर कहा कि स्विस बैंकों में भारतीय खाताधारकों द्वारा जमा रकम में साल 2019 के बाद से लगातार गिरावट देखी जा रही है। जमा राशि आधी हो गयी है, लेकिन इस जमा रकम की सटीक जानकारी नहीं है।
इसी क्रम में आगे कहा गया कि दोनों देशों के बीच वित्तीय खाते की जानकारी का आदान-प्रदान 2019 और 2020 के दौरान हुआ है। इस दूसरे से मिली जानकारी के मुताबिक स्विस बैंकों में जमा रकम में कोई अहम इज़ाफे की गुंजाइश नहीं दिखती है। स्विस बैंक में जिन भारतीय के पैसें जमा है वो अघोषित आय से बाहर हैं। केंद्र ने समाचार रिपोर्टों के हवाले से स्विस अधिकारियों से भारतीय धन में वृद्धि या कमी के संभावित कारणों पर उनके विचार के साथ प्रासंगिक तथ्य उपलब्ध करने को कहा।
Swiss Banks और वित्तीय आंकड़ों से जुड़ा ये मामला
गौरतलब है कि हाल ही में स्विट्जरलैंड के केंद्रीय बैंक के आंकड़ों का हवाला देते हुए 17 जून को एक समाचार रिपोर्ट सामने आयी। जिसके मुताबिक स्विस बैंकों में भारतीय व्यक्तियों और फर्मों द्वारा जमा की गयी धनराशि, जिसमें भारत स्थित शाखाओं और अन्य वित्तीय संस्थानों के जरिये इकट्ठा किया गया पैसा शामिल है वो बीते 13 सालों के उच्चतम 2.55 बिलियन स्विस फ़्रैंक पर पहुंच गया (20,700 करोड़ रुपये से ज़्यादा)
साल 2020 में प्रतिभूतियों (सिक्योरिटीज) और इसी तरह के वित्तीय उपकरणों के माध्यम से होल्डिंग्स (Holdings) में साफ उछाल देखा गया। हालांकि ग्राहक द्वारा जमा राशि में गिरावट दर्ज की गयी।