न्यूज़ डेस्क (नई दिल्ली): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) आज जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के नेताओं के साथ सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करेंगे। नेशनल कॉन्फ्रेंस (National Conference) के नेता फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah), पीडीपी (PDP) प्रमुख महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti), पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (People’s Conference) के नेता सज्जाद लोन (Sajad Lone) और मुजफ्फर हुसैन बेग और अपनी पार्टी के नेता अल्ताफ बुखारी (Altaf Bukhari) सहित कुल 14 नेता दिल्ली में प्रधानमंत्री के आवास पर बैठक में शामिल होंगे। भाजपा जम्मू-कश्मीर इकाई के नेता कविंदर गुप्ता, निर्मल सिंह, और रविंदर सिंह, और जम्मू-कश्मीर पैंथर्स पार्टी (Panthers Party) के भीम सिंह (Bhim Singh) भी आज की बैठक में भाग लेंगे।
केंद्र द्वारा Jammu-Kashmir के विशेष दर्जे को खत्म करने और अगस्त 2019 में इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद से पीएम मोदी और जम्मू-कश्मीर के नेताओं के बीच यह पहली बैठक होगी।
J&K प्रशासन ने केंद्र शासित प्रदेश में अगले 48 घंटों के लिए हाई अलर्ट जारी कर दिया है और मोबाइल इंटरनेट (Internet) सेवाएं बंद कर दी हैं। नियंत्रण रेखा से लगे इलाकों को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में इस साल नवंबर में या अगले साल की शुरुआत में चुनाव हो सकते हैं।
नई दिल्ली ने जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा जल्द बहाल होने के बारे में भी पर्याप्त संकेत दिए हैं और केंद्र शासित प्रदेश में परिसीमन की कवायद पूरी होने के तुरंत बाद 2022 में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। गेंद अब घाटी के पारंपरिक नेताओं के पाले में है. उन्हें तय करना है कि उन्हें क्या चाहिए, क्या वे अतीत में फंसे रहना चाहते हैं या आगे बढ़ना चाहते हैं।
जिस दिन से कश्मीरी नेताओं को नई दिल्ली से निमंत्रण मिला है, वे उत्साहित हैं और सर्वदलीय बैठक में भाग लेने के इच्छुक हैं। अगर सब कुछ ठीक रहा, तो उनके लिए एक नई शुरुआत होगी।