सांसद मिमी चक्रवर्ती ने फर्जी Corona Vaccination Center में ली वैक्सीन की खुराक

न्यूज डेस्क (गौरांग यदुवंशी): कोलकाता से फर्जी कोरोना वैक्सीन केंद्र (Corona Vaccination Center) में लोगों को टीका लगाने की खब़र सामने आ रही है। इस मामले में तृणमूल कांग्रेस की सांसद मिमी चक्रवर्ती समेत कई अन्य लोग कस्बा इलाके में आयोजित एक नकली कोरोना टीकाकरण शिविर का शिकार हो गये। पुलिस ने इस मामले में एक 28 वर्षीय व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जिसकी पहचान देबंजन देब के रूप में हुई है, जिसने एक आईएएस अधिकारी के रूप में टीकाकरण केंद्र का आयोजन किया था।

जादवपुर की सांसद मिमी चक्रवर्ती बीते मंगलवार (22 जून 2021) को कस्बा में आयोजित इसी शिविर के उद्घाटन समारोह मे शामिल थी और उन्होंने वहां कोरोना वैक्सीन का पहला शॉट लेने का फैसला किया। हालांकि इंजेक्शन लेने के बाद मिमी को उस वक़्त शक हुआ, जब उन्हें उनके सेल फोन पर टीकाकरण लेने से संबंधित पुष्टिकरण एसएमएस (Confirmation SMS) नहीं मिला।

मिमी चक्रवर्ती ने मीडिया को बताया कि-जब मैंने उनसे टीकाकरण प्रमाण पत्र के बारे में पूछा तो मुझे बताया गया कि मुझे वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट (Vaccination Certificate) तीन से चार दिनों में मिल जायेगा। फिर मुझे शक हुआ और मैनें फौरन टीकाकरण रोकने के लिये कहा। मेरे साथ साथ कई लोगों ने इस बात पर गौर किया। वहां मौजूदा टीका हासिल करने वाले किसी भी शख़्स को उनके सेलफोन या वैक्सीन प्रमाण पत्र को लेकर किसी तरह का कोई पुष्टिकरण संदेश नहीं मिला।

पुलिस के मुताबिक पिछले छह दिनों में कम से कम 250 लोगों को कस्बा के नकली केंद्र में तथाकथित वैक्सीन दी जा रही थी। पुलिसिया जांच से पता चला कि देब ने उत्तरी और मध्य कोलकाता में इसी तरह के फर्जी वैक्सीनेशन कैंप आयोजित किये थे, जिसमें से एक कैंप उत्तरी कोलकाता के सिटी कॉलेज में और दूसरा कैंप 3 जून को सोनारपुर में लगाया गया था।

आरोपी देबंजन देब ने पुलिस को बताया कि उसने बागड़ी बाजार और स्वास्थ्य भवन के बाहर से असली टीके खरीदे थे। हालांकि पुलिस ने नमूनों को जांच के लिये भेजा है ताकि ये पता लगाया जा सके कि शिविर में लोगों को असली या नकली किस तरह टीके दिये गये थे।

देब के परिवार ने दावा किया कि वो जेनेटिक्स में एमएससी है और यूपीएससी परीक्षा पास करना चाहता है। उसके पिता सेवानिवृत्त आबकारी अधिकारी है, उन्होनें कहा कि वो अपने बेटे की गतिविधियों से अनजान थे। उसके खिलाफ मामला कोलकाता पुलिस के जासूसी विभाग को ट्रांसफर कर दिया गया है।

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