एजेंसिया/न्यूज डेस्क (विश्वरूप प्रियदर्शी): भारतीय भगोड़े व्यवसायी मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) के वकील माइकल पोलाक के खिलाफ इंग्लैंड और वेल्स में सॉलिसिटर रेगुलेशन अथॉरिटी (एसआरए) शिकायत दर्ज की गयी। शिकायत में दावा किया गया कि माइकल पोलाक ने अपने मुवक्किल के बचाव के लिये जो भी दावे किये उस बारे में वो पुख़्ता सबूत नहीं पेश कर पाये। शिकायत में कहा गया है कि पोलाक के पास मीडिया को बतायी गयी बातों का कोई सबूत नहीं था। साथ ही चौकसी के संदिग्ध अपहरण के बारे में स्कॉटलैंड यार्ड और युद्ध अपराध इकाई को भी कोई शिकायत दर्ज नहीं करायी गयी।
शिकायतकर्ता ने सुझाव दिया कि यूनाइटेड किंगडम में वकीलों के लिये मुवक्किल का केवाईसी (अपने ग्राहक को जानिए) करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। साथ ही ऐसा लगता है कि पोलाक अपने क्लाइंट चौकसी पर केवाईसी और एएमएल (एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग) जांच करने में नाकाम रहा, जो भारत द्वारा घोषित वांछित धोखेबाज है।
एसआरए पोलाक और उनकी कंपनी के खिलाफ केवाईसी, एएमएल, धन के स्रोत और भुगतान गेटवे के खिलाफ जांच शुरू की जाने की मांग है, जिसमें उन्हें डोमिनिका में गिरफ्तार अरब डॉलर के धोखेबाज चौकसी द्वारा भुगतान किया गया है।
इसके साथ ही जस्टिस एब्रॉड द्वारा वकील माइकल पोलाक के बयानों और दिये गये सबूतों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की भी उम्मीद है, जिसमें सबूतों से छेड़छाड़ करने और बदनामी का डर दिखाकर लोगों के बयान बदलने का संगीन मामला शामिल है।
मौजूदा वक़्त में चौकसी डोमिनिका में मुकदमे का सामना कर रहा है। गौरतलब है कि मेहुल चौकसी 23 मई को एंटीगुआ से लापता हो गया था और डोमिनिका में पकड़ा गया था। भारत में प्रत्यर्पण से बचने के संभावित प्रयास में एंटीगुआ और बारबुडा से वो कथित रूप से भाग जाने के बाद पुलिस द्वारा उस पर डोमिनिका में अवैध घुसने का आरोप लगाया गया था।
एंटीगुआ न्यूज रूम की रिपोर्ट के मुताबिक चौकसी की कानूनी टीम द्वारा जारी किये गये चित्र और वीडियो में कथित तौर पर भारतीय मूल के लोगों सहित कई लोगों को दिखाया गया था, ताकि उस पता लग सके। ये लोग चौकसी को एंटीगुआ से डोमिनिका ले जाने के लिए छेड़े विस्तृत अभियान में शामिल थे।
जस्टिस अब्रॉड ने कहा कि, लॉ फर्म ने दावा किया है कि चौकसी का अपहरण एक परिचित महिला और पुरुषों की मदद से किया गया था, जिन्होंने उसे व्हीलचेयर से बांध दिया और उसे एंटीगुआ से डोमिनिका ले जाने के लिये नाव की मदद ली।
पोलाक ने कहा था कि पूरे प्रकरण के पीछे कानूनी प्रक्रिया को छोटा करके भारत उसे अपनी गिरफ्त में लेना चाहता था। इस मामले से जुड़े सबूत बताते हैं कि चौकसी का एंटीगुआ से अपहरण कर लिया गया था, जहां वो अदालतों के सामने वित्तीय अनियमितताओं का केस झेल रहा था। प्लानिंग के तहत उसे एंटीगुआ से अवैध रूप से डोमिनिका को भेज दिया गया था। हमारा मानना है कि इस पूरी कवायद का मकसद एंटीगुआ और डोमिनिका की वाज़िब कार्रवाइयों को दरकिनार कर भारत ले जाना था।
चोकसी की कानूनी टीम का दावा है कि वो 23 मई की शाम को अपने हालिया परिचित बारबरा जराबिक (Barbara Jarabic) से मिलने एंटिगुआ के समुद्री किनारे के पास बने विला में मिलने आया था। जल्द ही कुछ लोगों ने उसे दबोच लिया। बाहर लाकर उसे पीटा गया। चाकू की नोंक पर उसे बंधक बनाकर व्हीलचेयर से बांधकर नाव रख दिया गया।
चोकसी की कानूनी टीम दावा कर रही है कि वो एंटीगुआ से संबंधित है क्योंकि उसने साल 2018 में उस द्वीप की नागरिकता हासिल कर ली थी। इस बीच भारतीय अधिकारियों ने डोमिनिका उच्च न्यायालय को अपने हलफनामे में बताया कि चौकसी भारतीय नागरिक है और कहा कि वो गलती से नागरिकता अधिनियम, 1955 नागरिकता छोड़ने का दावा कर रहा है। 62 वर्षीय भगोड़ा पंजाब नेशनल बैंक में 13,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में भारत से भागा वांछित भगौड़ा आर्थिक अपराधी (Wanted Fugitive Economic Offender) है।